ur-deva_tw/bible/other/tremble.md

2.1 KiB

कांपना, काँप उठना, काँपकर, थरथराते हुए

ता’अर्रुफ़:

“कांपना” (थरथराकर) या’नी डर या बहुत नाउम्मीदी की वजह से कंपकंपाना।

  • इसका तमसीली इस्तेमाल “बहुत ज़्यादा डर” होने से है।
  • कभी-कभी जब ज़मीन हिलती है, तो इसे "कांपना" कहा जाता है। यह ज़ल्जले के दौरान या बहुत जोर से आवाज़ की शक्ल में हो सकती है।
  • किताब-ए-मुक़द्दस में लिखा है कि ख़ुदा की हुज़ूरी में ज़मीन लरज़ उठती है। इसका मतलब है कि ज़मीन के लोग ख़ुदा के डर से कांप उठेंगे या ज़मीन लरज़ उठेगी।
  • इस लफ़्ज़ का तर्जुमा हो सकता है “खौफ़ माने” या “ख़ुदा से डरो” या “कांप उठो” या मज़मून के मुताबिक़

(यह भी देखें: ज़मीन , डर, ख़ुदावन्द )

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H1674, H2111, H2112, H2151, H2342, H2648, H2729, H2730, H2731, H5128, H5568, H6342, H6426, H6427, H7264, H7268, H7269, H7322, H7460, H7461, H7478, H7481, H7493, H7578, H8078, H8653, G1719, G1790, G5141, G5156, G5425