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तख़्त, तख़्तों, तख़्त नशीन होना
ता’अर्रुफ़:
एक तख़्त एक ख़ास शक्ल से बनाई गई कुर्सी है जहाँ एक हाकिम बैठता है जब वह अहम मामलों का फ़ैसला करता है और अपने लोगों की फ़रियाद को सुनता है।
- तख़्त हाकिम का इख़्तियार और ताक़त का निशान है।
- “तख़्त ” लफ़्ज़ का तमसीली इस्ते’माल बादशाह या उसकी सल्तनत या उसकी क़ुदरत के लिए भी किया जाता है। (देखें: ‘इल्म बयान की एक सिफ़त )
- किताब-ए-मुक़द्दस में ख़ुदा को बादशाह की शक्ल में तख़्त पर बैठे हुए कहा गया है। ‘ईसा को ख़ुदा बाप के दाहिनी ओर तख़्त पर बैठा हुआ बयान किया गया था।
- ‘ईसा ने कहा कि आसमान ख़ुदा का अर्श है। इसका तर्जुमा , "जहां ख़ुदा बादशाह की शक्ल में सल्तनत करता है" किया जा सकता है।
(यह भी देखें इख़्तियार, ताक़त , बादशाह , बादशाहत करना)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- कुलुस्सियों 01:15-17
- पैदाइश 41:39-41
- लूका 01:30-33
- लूका 22:28-30
- मत्ती 05:33-35
- मत्ती 19:28
- मुक़ाशिफ़ा 01:4-6
शब्दकोश:
- Strong's: H3427, H3676, H3678, H3764, H7675, G968, G2362