ur-deva_tw/bible/other/teacher.md

4.5 KiB

उस्ताद, उस्तादों , ता’लीम देने वाला

ता’अर्रुफ़:

उस्ताद वह इन्सान है जो इन्सानों को नई मा’लूमात देता है। उस्ताद (सिखाने वाला) इन्सानों को ‘इल्म और तरबियत लेने में मददगार होता है।

  • कलाम में सिखाने वाला लफ़्ज़ एक ख़ास मतलब में काम में लिया गया है जो ख़ुदा के बारे में ता’लीम देनेवाले के बारे में है।
  • उस्ताद से ‘इल्म पाने वाले को “तालिब-ए-इल्म ” या “शागिर्द ” कहते हैं।
  • कुछ अंग्रेजी किताब-ए-मुक़द्दस के तर्जुमे में इस लफ़्ज़ को बड़े हरफ़ों में लिखा गया है अगर वह ‘ईसा के बारे में है।

तर्जुमे की सलाह:

  • इस लफ़्ज़ के तर्जुमे में आम लफ़्ज़ उस्ताद का इस्तेमाल किया जा सकता है, जब तक कि लफ़्ज़ केवल एक स्कूल उस्ताद के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
  • कुछ मज़हबी ज़ुबान में आलिम -उस्तादों के लिए ख़ास ‘ओहदे का नाम होता है जैसे “उस्ताद-उस्ताद ” या “रब्बी” या “मुबललिग़ ”।

(यह भी देखें: शागिर्द, उस्ताद)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसाल:

  • 27:01 एक दिन, यहूदी मज़हब में निपुण एक इन्तिज़ामी 'ईसा के पास उसका इम्तेहान लेने के लिए आया, और कहने लगा, “हे __उस्ताद __ हमेशा की ज़िन्दगी का वारिस होने के लिए मैं क्या करूं?”
  • 28:01 एक दिन, एक अमीर जवान हाकिम 'ईसा के पास आया और उससे पूछा, "अच्छा उस्ताद, मुझे क्या करना चाहिए अब्दी ज़िन्दगी पाने के लिए ?"
  • 37:02 दो दिन बीतने के बाद, 'ईसा ने अपने शागिर्दों से कहा, “आओ हम फिर यहूदिया को चलें |” शागिर्दों ने उससे कहा “हे रब्बी, कुछ वक़्त पहले तो लोग तुझे मरना चाहते थे |”
  • 38:14 यहूदा 'ईसा के पास आया और कहा, “ सलाम, उस्ताद,” और उसे चूमा |
  • 49:03 'ईसा एक बड़ा__उस्ताद__ भी था, और वह इख्तियार के साथ बोलता था क्योंकि वह ख़ुदा का बेटा है |

शब्दकोश:

  • Strong's: H3384, H3887, H3925, G1320, G2567, G3547, G5572