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ठोकर, ठोकर खाए, ठोकर खाया, ठोकर खाता

सच्चाई:

"ठोकर" खाना मतलब चलते या दौड़ते वक़्त पैर टकराने की वजह तक़रीबन गिर जाना। इसमें किसी चीज़ से पैर के लगन की वजह से गिरना होता है।

  • ‘अलामती शक्ल में "उसके लिए ठोकर खाना" का मतलब उसके लिए गुनाह " या "के लिए "धोकेबाज़" हो सकता है ।
  • यह लफ़्ज़ भी एक लड़ाई के लड़ते वक़्त की कमज़ोरी दिखा रहा है या उन्हें परेशान या सज़ावार किया जा रहा है को ज़ाहिर करता है ।

तर्जुमा की सलाह:

  • उन बारों में जहाँ "ठोकर" लफ़्ज़ का मतलब जिस्मानी शक्ल से किसी चीज़ के सफ़र पर होता है, इसका तर्जुमा एक लफ़्ज़ के साथ किया जाना चाहिए जिसका मतलब है "तक़रीबन गिरना" या "सफ़र करना।"
  • इस बारे में यह सही मा'ने रखता है कि अगर इस बारे में सही मतलब का बयां किया जाता है, तो यह लफ़्ज़ी मतलब भी एक 'अलामत के बारे में इस्ते'माल किया जा सकता है।
  • जुमलों के इस्ते'माल के लिए जहाँ 'अलामती ज़बान में लफ़्ज़ी मतलब नहीं होगा, जैसे बयान के मुताबिक़ "ठोकर" का तर्जुमा किया जा सकता है, "गुनाह" या "लड़खड़ाना" या "ईमान में रुकावट" या "कमजोर होना"।
  • इस लफ़्ज़ का तर्जुमा करने का एक दूसरा तरीक़ा हो सकता है, "गुनाह करने से ठोकर" या "ईमान न करने से ठोकर"।
  • जुमला "ठोकर करने के लिए बनाया" का तर्जुमा "कमजोर होने की वजह " या "लड़खड़ाना " के वजह किया जा सकता है।

(यह भी देखें: ईमान , औलाद, गुनाह, रुकावट)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H1762, H3782, H4383, H4384, H5062, H5063, H5307, H6328, H6761, H8058, G679, G4348, G4350, G4417, G4624, G4625