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3.2 KiB

ज़बह , ज़बह करना, ज़बह किए , क़त्ल किया

ता’अर्रुफ़:

“ ज़बह करना” लफ़्ज़ का मतलब है बड़ी तादाद में जानवरों या इन्सानों का ज़बह करना या “बेरहमी से क़त्ल करना”। इसका मतलब खाने के लिए जानवर का ज़बह करना भी होता है। * ज़बह करने का एक काम भी " ज़बह करना" कहा जाता है।

  • रेगिस्तान में वास करते वक़्त जब इब्राहीम के पास तीन मेहमान आए थे तब उसने अपने ख़ादिमों को हुक्म दिया था कि उनके लिए बछड़ा ज़बह करके खाना तैयार किया जाए।
  • हिज़्क़ीएल नबी ने नबूव्वत की थी कि ख़ुदावन्द अपना फ़रिश्ता भेजकर उन सबको क़त्ल करेगा जो उसके कलाम की पैरवी नहीं करते ।
  • 1 शमूएल में क़त्ल 'आम का ज़िक्र किया है जिसमें 30,000 इस्राईलियों को क़त्ल किया था क्यूँकि वह ख़ुदा के हुक्मों पर नहीं चलते थे।
  • “ ज़बह करने के हथियार” का तर्जुमा हो सकता है, “क़त्ल करने के औज़ार ”।
  • “बड़ा क़त्ल 'आम हुआ” इस जुमले का तर्जुमा हो सकता है, “बड़ी ता'दाद में लोग मारे गए” या “क़त्ल किए हुओं की ता'दाद बहुत ज़्यादा थी” या “बहुत ही ज़्यादा लोग मरे”।
  • “ज़बह” की कई शक्लें तर्जुमा की हो सकती हैं , “क़त्ल करना”, या “मार डालना” या “जान लेना”।

(यह भी देखें: फ़रिश्ते , गाय, नाफ़रमान, हिज़्क़ीएल, ख़ादिम, क़त्ल करना )

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H2026, H2027, H2028, H2076, H2491, H2873, H2874, H2878, H4046, H4293, H4347, H4660, H5221, H6993, H7524, H7819, H7821, G2871, G4967, G4969, G5408