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ख़ुद, क़ाबू , ख़ुद को क़ाबू किया , ख़ुद पे क़ाबू
ता'अर्रुफ़:
“ख़ुद” गुनाह से बचने के लिए अपने सुलूक को अपने क़ब्ज़े में रखना।
- इसका बयान अच्छे सुलूक से है या’नी गुनाह के ख़्यालों, ज़बान और कामों से बचना।
- ख़ुद रूह-उल-क़ुदुस के ज़रिए' ईमानदारों को दिया गया फल या हुनर है।
- ख़ुदी रखने वाला आदमी किसी ग़लत काम को करने की ख़्वाहिश से अपने आप को रोक लेता है। ख़ुदावन्द ही लोगों को सब्र 'अता करता है।
(यह भी देखें: फल, रूह-उल-क़ुदुस
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H4623, H7307, G192, G193, G1466, G1467, G1468, G4997