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अहतराम, अहतराम माना, अहतराम मानकर, अहतरामों, बा’इज़्ज़त
ता’अर्रुफ़:
“अहतराम मानकर” लफ़्ज़ का मतलब, किसी इन्सान या चीज़ के लिए गहरी ‘इज़्ज़त का अहसास है। किसी आदमी या चीज़ के लिए "अहतराम" दिखाने के लिए ‘इज़्ज़त|
- अहतराम के अहसास के हक़दार की ‘इज़्ज़त के काम में देखी जा सकती है।
- ख़ुदा का डर अंदरूनी अहतराम है जो ख़ुदा के हुक्मों को मानने से ज़ाहिर होती है।
- इस लफ़्ज़ का तर्जुमा “डर और ‘इज़्ज़त” या “दिली ‘इज़्ज़त” हो सकता है।
(यह भी देखें: डर, अहतराम, ‘अमल)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H3372, H3373, H3374, H4172, H6342, H7812, G127, G1788, G2125, G2412, G5399, G5401