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तहम्मुल , तहम्मूल से, सब्र करना , बर्दाश्त
ता’अर्रुफ़:
“तहम्मुल ” और “सब्र ” लफ़्ज़ कठिन हालातों में मज़बूत खड़े रहने के बारे में है। “सब्र करना ” में अक्सर इन्तिज़ार करना होता है।
- किसी के साथ तहम्मुल होने का मतलब है उससे मुहब्बत करना और उसकी गलतियों को मु’आफ़ कर देना।
- किताब-ए-मुक़द्दस में ख़ुदा के लोगों को ता’लीम दी गई है कि वे परेशानियों में सब्र करें और एक दूसरे की बर्दाश्त हो।
- अपनी रहमत की वजह से खुदा इन्सानों के साथ तहम्मुल वाला है जबकि वे सज़ा के लायक़ गुनहगार हैं।
(यह भी देखें: बर्दाश्त करना, मुआ’फ़ी , सब्र)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H750, H753, H2342, H3811, H6960, H7114, G420, G463, G1933, G3114, G3115, G3116, G5278, G5281