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3.4 KiB

आज़माइश में रहेगा, सब्र करेगा, बर्दाश्त करना, मुस्तहकम रहता है, सब्र

ता'अर्रुफ़:

“आज़माईश में रहेगा” या'नी “लम्बा वक़्त बिताना या किसी मुश्किल में सब्र करना।“

  • इसका मतलब आज़माइश के वक़्त, हिम्मत न हारकर मज़बूत रहना।
  • “सब्र ” लफ्ज़ का मतलब“परेशानी ”, “आज़माइश में बर्दाश्त करना” या “परेशानी में सब्र करना”
  • ईमानदारों को हौसला अफज़ाई किया गया है कि “आख़िर तक सब्र करता रहेगा” या'नी उन्हें कहा गया है कि 'ईसा की इता'अत को चाहे इसकी वजा उन्हें दुख भी उठाना पड़े।
  • “मुसीबत सहने” का मतलब है, “दुख उठाना”

तर्जुमा की सलाह:

  • “सब्र से बर्दाश्त करते रहना” के शक्ल तर्जुमा हो सकता हैं, “क़ायम रहना” या “यक़ीन करते रहना” या “ख़ुदावन्द जो चाहता है वह करते रहना” या “मज़बूती से खड़े रहना”।
  • कुछ हवालों में “सब्र के साथ ” का मतलब है तर्जुमा हो सकता है, “तजुर्बा करना” या “भोगना”
  • लम्बे वक़्त के मतलब में “बर्दाश्त ” का तर्जुमा हो सकता है, “लम्बे वक़्त रहना” या “होते रहना”। “बर्दाश्त नहीं करे” का तर्जुमा हो सकता है “हमेशा नहीं रहेगा” या “वजूद में नहीं रहेगा”।
  • “सब्र करना ” के शक्ल तर्जुमा हो सकते हैं, “मज़बूती” या “यक़ीन करते रहना” या “'भरोसेमन्द बने रहना”।

(यह भी देखें:सब्र )

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H386, H3201, H3557, H3885, H5331, H5375, H5975, G430, G907, G1526, G2005, G2076, G2553, G2594, G3114, G3306, G4722, G5278, G5281, G5297, G5342