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तेल
ता’अर्रुफ़:
तेल एक मोटा, पानी जैसी चीज़ है जो पेड़ों से निकाला जाता है। किताब-ए-मुक़द्दस के ज़माने में ज़ैतून का तेल ज़्यादातर काम में लिया जाता था।
- ज़ैतून का तेल पकाने, मसह करने, क़ुर्बानी चढ़ाने, चराग़ जलाने और दवाइयाँ के बनाने में काम में लिया जाता था।
- पुराने ज़माने में ज़ैतून का तेल बेशक़ीमत था और तेल का जमा’ करना दौलत का पैमाना माना जाता था।
- यक़ीनी बनाएँ कि इस लफ़्ज़ का तर्जुमा पकाने के तेल का मतलब ज़ाहिर करे न कि, गाड़ियों में डालने वाले तेल का। कुछ ज़बानों में इन अलग-अलग तेलों के लिए अलग अलग लफ़्ज़ है।
(यह भी देखें: ज़ैतून, क़ुर्बानी)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H1880, H2091, H3323, H4887, H6671, H7246, H8081, G1637, G3464