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पड़ोसी, पड़ोसियों, पड़ोस, आस पास के
ता’अर्रुफ़:
पड़ोसी या’नी क़रीब में रहनेवाला इन्सान। यह ‘आमतौर पर उस इन्सान के लिए है जो किसी क़बीले या क़ौम के बीच बसता है।
- पड़ोसी इन्सान एक ही क़बीले का होने की वजह से हिफ़ाज़त और रहम का हक़दार होता है।
- नये ‘अहदनामे में नेक सामरी की मिसाल में ‘ईसा ने पड़ोसी लफ़्ज़ का ‘अलामती इस्ते’माल किया है जिसमें वह सब इन्सानों को शामिल करता है, यहाँ तक कि जिसे हम अपना दुश्मन समझते हैं।
- अगर मुमकिन हो तो इसका तर्जुमा लफ़्ज़ी मतलब में ही किया जाए जिसका मतलब है, “क़रीब रहनेवाला इन्सान”।
(यह भी दखें: दुश्मन, मिसाल, लोगों की भीड़, सामरिया)
## किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:##
- रसूलों के ‘आमाल 07:26-28
- इफिसियों 04:25-27
- गलातियों 05:13-15
- या’क़ूब 02:8-9
- युहन्ना 09:8-9
- लूक़ा 01:56-58
- मत्ती 05:43-45
- मत्ती 19:18-19
- मत्ती 22:39-40
शब्दकोश:
- Strong's: H5997, H7138, H7453, H7468, H7934, G1069, G2087, G4040, G4139