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राज़, भेदों, भेद, पोशीदा
ता’अर्रुफ़:
कलाम में “राज़” लफ़्ज़ का बयान किसी अंजान या समझने में ला 'इल्म बात से है जिसे ख़ुदा अब ज़ाहिर कर रहा है।
- नये 'अहद नामे में कहा गया है कि मसीह की ख़ुश ख़बरी गुज़रे हुए ज़माने में एक राज़ की बात थी।
- एक ख़ास बात जिसे राज़ कहा गया है, वह है कि यहूदी और ग़ैर क़ोम मसीह में एक हैं।
- इस लफ़्ज़ का तर्जुमा “राज़ ” या “पोशीदा बात” या “अंजान बात” भी किया जा सकता है।
(यह भी देखें: मसीह, ग़ैर क़ोम, अच्छी ख़बर, यहूदी, सच्चाई)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H1219, H7328, G3466