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ग़ैर क़ौम, ग़ैर क़ौमों
सच्चाई:
"ग़ैर क़ौम" का मतलब है ग़ैर यहूदी लोग । ग़ैर क़ौम उन लोगों को कहते थे जो या'क़ूब की नसल नहीं थे।
- कलाम में “मख़तून” लफ़्ज़ भी 'अलामती शक्ल से ग़ैर क़ौमों के लिए काम में लिया गया है क्यूँकि वह इस्राईलियों की तरह अपने लड़कों का ख़तना नहीं करते थे।
- ख़ुदा ने यहूदियों को अपने लिए अलग करके चुन लिया था, इसलिए यहूदी ग़ैर लोगों को बाहरी लोग मानते थे जो कभी ख़ुदा के लोग नहीं हो सकते थे।
- यहूदियों को तवारीख़ में अलग-अलग वक़्तों पर “इस्राईली” या “'इब्रानी” कहा गया है और सबको वे “ग़ैर क़ौम” कहते थे।
- ग़ैर क़ौम का तर्जुमा “यहूदी नहीं” या “ ग़ैर यहूदी” या “ ग़ैर इस्राईली” (पुराने ‘अहद नामे में) या “ग़ैर-यहूदी” हो सकता है।
- रवायतों के मुताबिक़ यहूदी ग़ैर क़ौम के साथ बैठ कर खाना नहीं करते थे या उनके साथ रिश्ता नहीं रखते थे, इस वजह से शुरू'आती कलीसिया में परेशानियाँ पैदा हुई थीं ।
(यह भी देखें: इस्राईल, या’क़ूब, यहूदी)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- रसूलों के 'आमाल 09:13-16
- रसूलों के 'आमाल 14:5-7
- गलातियों 02:15-16
- लूक़ा 02:30-32
- मत्ती 05:46-48
- मत्ती 06:5-7
- रोमियो 11:25
शब्दकोश:
- Strong's: H1471, G1482, G1484, G1672