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पिघलना, पिघल गया, पिघलाई, पिघल जाता, ढालकर
सच्चाई:
“पिघलना” या'नी गरमी पाकर किसी ठोस सामान का पानी जैसा हो जाना। इसका 'अलामती इस्ते'माल भी किया गया है। पिघली हुई चीज़ को “ढालना” भी कहते हैं।
- अलग अलग धातुओं को पिघला कर सांचों में डालकर हथियार या मूर्तियाँ बनाई जाती हैं। * “ढाली गई धातु” या'नी पिघलाई गई धातु।
- मोमबत्ती जलती है तो उसका मोम पिघलकर गिरता है। पुराने वक़्त में ख़तों के सिरों पर पिघला हुआ मोम डालकर उन्हें मुहरबन्द किया जाता था।
- “पिघलने” का 'अलामती मतलब है, मुलायम और कमज़ोर जैसे पिघला हुआ मोम।
- यह जुमला , “दिल पिघल जायेंगे” या'नी ख़ौफ़ की वजह से बहुत कमज़ोर हो जायेंगे।
- एक और 'अलामती जुमला है, “वह पिघल जायेंगे” वह चले जाने के लिए मजबूर किये जायेंगे या वह कमज़ोर दिखाई देंगे और हार जायेंगे।
- “पिघलने” का सही तर्जुमा होगा “पानी जैसा हो जाना” या “पानी की तरह होना” या “पानी बनाना।”
- “पिघलने” के 'अलामती मतलबों का तर्जुमा होगा, “मुलायम होना” या “ कमज़ोर होना” या “शिकस्त होना।”
(यह भी देखें:दिल, झूठे मा’बूद, तरह, मुहर)
किताब-ए-* मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H1811, H2003, H2046, H3988, H4127, H4529, H4541, H4549, H5140, H5258, H5413, H6884, H8557, G3089, G5080