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2.9 KiB

तशरीह करना, बयान करना, तफ़सीर दिया, तशरीह, मतलब बताना, तशरीहात , तर्जुमा करने वाला

सच्चाई:

“ तशरीह करना” और “मतलब बताना” का मतलब है किसी अधूरी बात का मतलब समझाना।

  • कलाम में इन लफ़्ज़ों के बारे ख़्वाब और रोया के मतलब बताने से है।
  • बाबुल के बादशाह ने ख़्वाब देखा और वह परेशान हो गया तब ख़ुदावन्द ने दानिएल की मदद की कि वह उसका ख़्वाब बताए और उसका मतलब समझाए।
  • ख़वाब का “मतलब” बताना या'नी उस का तर्जुमा समझाना।
  • पुराने 'अहद नामे में ख़ुदा कभी-कभी ख़वाबों के ज़रिए' लोगों को मुस्तक़बिल की बातें बताता था। लिहाज़ा उन तर्जुमों का मतलब नबूव्वत होता था।

“मतलब बताना” दूसरी बातों की तशरीह समझाना भी होता है, जैसे कि यह मा'लूम करना कि मौसम कितना ठंडा या गर्म है, कैसी हवा है, और आसमान कैसा दिखता है।

  • “मतलब बताना” का तर्जुमा “मतलब की वज़ाहत ” या “ख़ुलासा करना” या “मतलब समझाना” भी हो सकता है।
  • “मतलब बताना” का तर्जुमा “तफ़सीर” या “मतलब का ख़ुलासा ” भी हो सकता है।

(यह भी देखें: बाबुल, दानिएल, ख़्वाब, नबी , मक़सद)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H995, H3887, H6591, H6622, H6623, H7667, H7760, H7922, G1252, G1328, G1329, G1381, G1955, G2058, G3177, G4793