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ज़िनाकारी, ग़ैर इख़लाक़ी, ग़ैर इख़लाक़ी, ज़िना
ता’अर्रुफ़:
लफ़्ज़ “ज़िना” का मतलब ज़ीनी काम के बारे में है जो एक मर्द और ‘औरत से बाहर ले जाता है| यह ख़ुदा के मंसूबे के ख़िलाफ़ है पुरानी अंग्रेजी की किताब-ए-मुक़द्दस में इसे फोर्निकेशन (ज़िना) कहा गया है।
- यह लफ़्ज़ किसी भी तरह के ज़ीनी काम के बारे में बताता है जो ख़ुदा की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ है, जिनमें हमजिन्सी और फ़हास के काम शामिल हैं|
- ग़ैर इख़लाक़ी भी एक तरह का ज़िना है, ख़ास तौर से ऐसे जिन्सी काम जिसमें शादीशुदा इन्सान और कोई और जो उस इंन्सान का शरीक-ए-हयात नहीं है|
- तवायफ़ से ता’अल्लुक़ एक दूसरी क़िस्म का ग़ैर इख़लाक़ी ज़िना है जिसमें जिन्सी ता’अल्लुक़ात के लिए किसी पैसा दिया जाता है।
- इस लफ़्ज़ को ‘अलामती शक्ल में इस्राईल की बुतपरस्ती के लिए काम में लिया गया है जो ख़ुदा से धोका है।
तर्जुमे की सलाह:
- लफ़्ज़ “ज़िनाकारी” का तर्जुमा “ग़ैरइख़लाक़ी” किया जा सकता है जब तक कि इस लफ़्ज़ का सही मतलब समझ में आए।
- इसके और तर्जुमे के तरीक़े हो सकते हैं, “ग़लत जिन्सी ता’अल्लुक़ात” या “शादीशुदा रिश्ते के बाहर जिंसी ता’अल्लुक़”।
- इस लफ़्ज़ का तर्जुमा “ज़िना” से अलग लफ़्ज़ में किया जाए।
- इसके ‘अलामती इस्ते’माल के तर्जुमे में वहीं लफ़्ज़ रखना ठीक है क्योंकि ख़ुदा के साथ धोखा और जिन्सी ता’अल्लुक़ में धोका का किताब-ए-मुक़द्दस में ‘आम मुक़ाबला है।
(यह भी देखें: ज़िना, झूठे मा’बूद, तवायफ़, बे-ईमान)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- रसूलों के ‘आमाल 15:19-21
- रसूलों के ‘आमाल 21:25-26
- कुलुस्सियों 03:5-8
- इफिसियों 05:3-4
- पैदाइश 38:24-26
- होशे’अ 04:13-14
- मत्ती 05:31-32
- मत्ती 19:7-9
शब्दकोश:
- Strong's: H2181, H8457, G1608, G4202, G4203