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समझ, समझा, समझना, समझदार

ता’अर्रुफ़:

लफ़्ज़ “समझ” का मतलब किसी बात को समझ लेना, ख़ास करके समझाना कि कोई बात सही है या ग़लत।

  • “समझ” समझकर किसी बात का अक़्लमंदी से फ़ैसला लेना।
  • इसका मतलब है अक़्लमंदी और सही फ़ैसला लेना।

तर्जुमे की सलाह:

  • मज़मून [आर मुनहस्सिर, “पहचान” का तर्जुमा, “समझना” या “में फ़र्क़ पहचानना” या “अच्छे और बुरे में फ़र्क़ करना” या “किसी का सही फ़ैसला लेना” या “सही को ग़लत से अलग करके देखना” हो सकता है।
  • “समझ” का तर्जुमा “समझना” या “अच्छे और बुरे में फ़र्क़ पहचानने की क़ुव्वत” हो सकता है।

(यह भी देखें: फ़ैसला, ‘अक़्ल)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H995, H2940, H4209, H5234, H8085, G350, G1252, G1253, G1381, G2924