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4.4 KiB

’अक़्लमंद ,‘अक़्ल

ता’आरुफ़:

“अक़्लमंद” वह इन्सान है जो समझता है कि करने के लिए क्या सही और अच्छा है और उसे करता है। “अक़्ल” जो सच और अच्छाई में सही है उसे समझना और उसको महसूस करना।

  • अक़्लमंद होना या’नी सही फ़ैसला लेने की सलाहियत , ख़ास करके ख़ुदा को ख़ुश करने वाले काम करना।
  • किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में “दुनयावी अक़्ल” एक तम्सीली ज़ाहिरयत है जो इस दुनिया में इन्सानों की समझ में अक़्लमंदी को ज़ाहिर करती है जबकि वह हक़ीक़त में बेवक़ूफ़ी है।
  • इन्सान ख़ुदा की बात सुनकर और हलीमी से उसकी मर्ज़ी को मान करके अक़्ल मंद बनते हैं
  • अक़्लमंद इन्सान अपनी ज़िन्दगी में पाक -रूह के फल-ख़ुशी , हलीमी , मुहब्बत , सब्र -ज़ाहिर करता है।

तर्जुमे की सलाह:

  • मज़मून के मुताबिक़ “अक़्लमंद” लफ़्ज़ के और तर्जुमे हो सकते हैं, “ख़ुदा के फ़र्माबरदार ” या “समझदार और फ़र्माबरदार” या “ख़ुदा का खौफ़ माननेवाले।”
  • “अक़्ल” के तर्जुमे में एक ऐसा लफ़्ज़ या जुमला काम में लें जिसका मतलब है, “अक़्लमंदी की ज़िन्दगी ” या “समझदारी और फ़र्माबर्दारी की ज़िन्दगी ” या “सही फ़ैसला ”
  • “अक़्ल” और “अक़्लमंदी” के तर्जुमे और ख़ास लफ़्ज़ों जैसे रास्तबाज़ी या फ़र्माबर्दारी से अलग होना सही है।

(यह भी देखें: फ़र्माबर्दारी, फल)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों के मिसालें :

  • __02:05__वह __ अक़्लमंद __ भी बनना चाहती थी, इसलिये उसने कुछ फल लिये और उसे खा लिया।
  • 18:01 जब सुलेमान ने __ अक़्ल __ माँगी, ख़ुदा उससे ख़ुश हुआ और उसे दुनिया का __सबसे अक़्लमंद __ आदमी बना दिया।
  • 2-3:09 कुछ वक़्त बाद __नजूमियों __ ने पूरब में एक तारा देखा।
  • 45:01 वह (स्तिफ़नुस) एक अच्छा इज़्ज़तदार इन्सान था और पाक रूह और __ अक़्ल __ से भरा था।

शब्दकोश:

  • Strong's: H998, H1350, H2445, H2449, H2450, H2451, H2452, H2454, H2942, H3820, H3823, H6195, H6493, H6912, H7535, H7919, H7922, H8454, G4678, G4679, G4680, G4920, G5428, G5429, G5430