ur-deva_tw/bible/other/destiny.md

4.2 KiB

मुक़र्रर, मुक़र्रर किया, तक़दीर, मुक़द्दर

ता’अर्रुफ़:

लफ़्ज “तक़दीर” इंन्सान की ज़िन्दगी के मुस्तक़बिल में होने वाली बात के बारे में बताता हैं| अगर किसी को मुस्तक़बिल के लिए “मुक़र्रर” गया है तो इसका मतलब है कि वह इन्सान मुस्तक़बिल में क्या करेगा, जो ख़ुदा की तरफ से मुक़र्रर किया गया है|

  • जब खुदा अपने गज़ब के लिए किसी मुल्क को “मुक़र्रर” कर लेता है, तो इसका मतलब है कि ख़ुदा ने फ़ैसला कर लिया है कि उस मुल्क को गुनाहों की सज़ा मिलेगी।
  • यहूदाह तबाही के लिए “मुक़र्रर” गया था, जिसका मतलब है कि ख़ुदा ने फ़ैसला कर लिया था कि उसके बग़ावत की वजह से वह बर्बाद होगा।
  • हरएक इन्सान की आख़िरत, अबदी मुक़द्दर है कि वह जन्नत में जाए या जहन्नुम में जाए।
  • जब वा’इज़ का मुसन्निफ़ कहता है कि सबका मुक़द्दर एक ही है तो उसका मतलब है कि सब मरेंगे।

तर्जुमे की सलाह:

  • जुमला “ग़ज़ब के लिए मुक़र्रर” का तर्जुमा “तुम्हारी सज़ा यक़ीनी है” या “फ़ैसला लिया जा चुका है कि तुम मेरे ग़ज़ब का तजुरबा करोगे”।
  • ‘अलामती ख़याल में “वे तलवार से बर्बाद होने के लिए मुक़र्रर किए गए हैं” इसका तर्जुमा इस तरह किया जा सकता है “ख़ुदा ने फ़ैसला कर लिया है कि वे अपने दुश्मनों के ज़रिए’ तलवार से हलाक किए जाएंगे” या “ख़ुदा ने ठान लिया है कि उनके दुश्मन उन्हें तलवार से हलाक करें”।
  • अलफ़ाज़ “तुम मुक़र्रर किए गए हो” का तर्जुमा ऐसे जुमलों के ज़रिए’ किया जाए जैसे “ख़ुदा ने फ़ैसला कर लिया है कि तुम...”
  • मज़मून के मुताबिक़ “मुस्तक़बिल” का तर्जुमा हो सकता है, “आख़िरत” या “आख़िर में जो होगा” या “ख़ुदा ने जो फ़ैसला किया है वह होगा”

(या भी देखें: क़ैदी, अबदी, जन्नत, जहन्नुम, युहन्ना (बपतिस्मादेने वाला), तौबा)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:##

शब्दकोश:

  • Strong's: H2506, H4150, H4487, H4745, H6256, H4507, G5056, G5087