ur-deva_tw/bible/other/census.md

2.8 KiB

मरदुम शुमारी

ता’रीफ़:

मरदुम शूमारी (ज़ाहिरी शुमार) किसी मुल्क या बादशाहत में रहने वालों की सही गिनती करना |

  • पुराने ‘अहद नामे के तहरीरों में उन वक़्तों का बयान किया गया है जब ख़ुदा ने इस्राईल के आदमियों का शुमार करने का हुक्म दिया था जैसे जब इस्राईलियों ने मिस्र से कूच किया था और दूसरी बार जब वे कना’न में दाख़िल होने पर थे |
  • ज़ाहिरी शुमार का मक़सद हमेशा यह होता था कि कर वसूली करने के लिए आदमियों की ता’दाद मा’लूम हो |
  • मसलन ,ख़ुरूज की किताब में एक बार आदमियों का शुमार किया गया था कि हर एक आदमी हैकल के रख रखाव के लिए आधी शेकेल दे |
  • जब ‘ईसा बच्चा ही था तब रोमी हुकूमत ने मरदुम शुमारी करवाई थी कि अपने पूरी बादशाहत की लोगों की ता’दाद मा’लूम करके ज़रूरी किया जाये |

तर्जुमे की सलाह:

  • इस जुमले का मुमकिन तर्जुमा हो सकता है ,”नाम का शुमार” या “नामों की फ़हरिस्त” या “लिखे हुए ”
  • मरदुम शुमारी करवाना ,इस जुमले का तर्जुमा हो सकता है ,”अवाम के नाम दर्ज करना”या “आदमियों का नाम लिखना ” या “आदमियों का नाम लिखकर रखना” |

(यह भी देखें: [क़ौम[, रोम)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H3789, H5674, H5921, H6485, H7218, G582, G583