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2.9 KiB

मानना, मान लेता है, मानकर, मान लेता, मान लिया

ता’अर्रुफ़:

पहचानना” (मानना) यहाँ तक कि किसी आदमी को या चीज़ को मुनासिबन मान लेना।

  • ख़ुदावन्द का मानना (पहचानना) में ऐसा लगता है जिससे ज़ाहिर हो कि वह जो कहता है वह सच है.
  • ख़ुदावन्द को माननेवाले उसके हुक्मों को मानने के ज़रिए ज़ाहिर करते हैं, जिससे उसके नाम की बड़ाई होती है.
  • किसी बात को मानने का मतलब है कि उसकी सच्चाई को क़ुबूल करना, कामों आयर लफ़्ज़ों के ज़रिए' उसको साबित करना।

तर्जुमा की सलाह :

  • किसी बात को मानने का मतलब है कि उसकी सच्चाई को क़ुबूल करना, कामों और लफ़्ज़ों के ज़रिए' उसको मज़बूत करना ”।
  • किसी आदमी को मानने (पहचान लो) के बारे में इस लफ़्ज़ का तर्जुमा हो सकता है, “क़ुबूल करना” या “के हक़ीक़त को पहचानना” या “औरों से कहना कि वह वफ़ादार रहै।”।”
  • इस बारे में ख़ुदावन्द को मानने का तर्जुमा ख़ुदावन्द पर यक़ीन और उसके हुक्मों पर अमल करना" या "ऐलान करे कि ख़ुदावन्द कौन है" या "और लोगों को बताएं कि ख़ुदावन्द कितना महान है" या "क़ुबूल करे कि ख़ुदावन्द जो कहता है और करता है सच है।"

(यह भी देखें: \ हुक्म मानना, बड़ाई, नजात)

किताब -ए-मुक़द्दस के बारे में :

शब्दकोश:

  • Strong's: H3045, H3046, H5046, H5234, H6942, G1492, G1921, G3670