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सूर, सूर के लोग

सच्चाई:

सूर शहर कना’न का एक पुराना शहर था समन्दर से दूर के किनारे पर जो आज लबानोन का एक हिस्सा है। इस शहर के लोगों को "सूर के लोग" कहा जाता था।

  • इस शहर का एक हिस्सा टापू पर समन्दर में मौजूद था जो करीब एक किलोमीटर ज़मीन से दूर था
  • उसकी जुगराफिय हालत और क़ीमती क़ुदरती सामानों की वजह जैसे की देवदार पेड़ , सोर का तिजारती काम तरक़्क़ी पर था और वह एक मालदार शहर था।
  • सूर के बादशाह हीराम ने बादशाह दाऊद के लिए महल बनाने में देवदार के पेड़ों की लकड़ी और माहिर मज़दूरों को भेजा था।
  • सालों बा’द, हीराम ने भी हैकल बनाने में मदद करने के लिए बादशाह सुलेमान को लकड़ी और माहिर मज़दूरों को भेजा। सुलैमान ने उन्हें बड़ी ता’दाद में गेहूं और जैतून का तेल दिया।
  • सूर का नाम हमेशा ही नज़दीकी सैदा शहर के साथ आता है। यह कना’न के ‘इलाक़े के सबसे ख़ास शहर थे, जिन्हें फीनीके कहा जाता था।

(तर्जुमे की सलाह नामों का तर्जुमा कैसे करें)

(यह भी देखें :कना’न, देवदारू , इस्राईल, झील, फ़ीनीके, सैदा)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H6865, H6876, G5183, G5184