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3.3 KiB

ना’मान

सच्चाई:

पुराने ‘अहदनामे में ना’मान अरामी फ़ौज का सरदार था।

  • ना’मान को एक लाइलाज़ ज़िल्द की बीमारी कोढ़ थी जो ठीक नहीं हो सकती थी।
  • ना’मान के घर में एक यहूदी ख़ादिमा थी जिसने उसे सलाह दी कि वह बीमारी से नजात के लिए नबी एलीशा के पास जाए।
  • एलीशा ने ना’मान के पास पैग़ाम भेज दिया कि वह सात बार यरदन नदी में डुबकी लगाए। ना’मान ने हुक्म का ‘अमल किया तो ख़ुदा ने उसे पूरी शिफ़ा दे दी।
  • इसका नतीजा यह हुआ कि ना’मान इकलौते सच्चे ख़ुदा, यहोवा में ईमान करने लगा।
  • ना’मान नाम के दो और आदमी भी हुए है जो या’क़ूब के बेटे बिन्यामीन के नसल से थे।

(तर्जुमे की सलाह: नामों का तर्जुमा कैसे करें

(यह भी देखें: अराम, यरदन नदी, कोढ़, नबी)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसालें:

  • 19:14 जिनमे से एक मो’जिज़ा ना’मान नाम के इन्सान की ज़िन्दगी में हुआ, वह दुश्मनों का सिपाहसालार था और कोढ़ी था |
  • 19:15 पहले तो ना’मान ग़ुस्सा हुआ, और वह ऐसा नहीं करना चाहता था, क्योंकि उसे यह बेवक़ूफ़ी भरा काम लग रहा था| लेकिन ज़ल्दी ही उसने अपना ख़याल बदल लिया और यरदन को जाकर उसमे सात बार डुबकी मारी |
  • 26:06 लेकिन एलीशा ने उनमें से किसी को भी ठीक नहीं किया, उसने सिर्फ इस्राईल के दुश्मनों के एक सिपाहसालार, ना’मान की जिल्द की बीमारी को शिफ़ा दी।”

शब्दकोश:

  • Strong's: H5283, G3497