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मालिक-ए-सिदक़
सच्चाई:
इब्राहीम के वक़्त में मालिक-ए-सिदक़ सालिम का बादशाह था। (बा’द में , यरूशलीम का)
- मालिक-ए-सिदक़ के नाम का मतलब है, “ रास्तबाज़ी का बादशाह” और “सालिम का बदशाह” पद्वी का मतलब है, “अमन का बादशाह ”।
- उसे “सबसे बड़ा ख़ुदा का काहिन” भी कहा गया है।
- मालिक-ए-सिदक़ का नाम कलाम में पहली बार तब आया था जब उसने अब्राम को रोटी और मय दिया था, उसके भतीजे लूत को उन ताक़तवर बादशाहों से छुड़ाकर लाने के बाद। अब्राम ने मालिक-ए-सिदक़ को अपनी लूट के माल का दसवां हिस्सा दिया था।
- नये 'अहद नामे में मालिक-ए-सिदक़ को ऐसे शख़्स की शक्ल में बयान किया गया है जिसका कोई माँ बाप नहीं। उसे हमेशा के लिए हुकूमत करनेवाला काहिन और बादशाह कहा गया है।
- नये 'अहद नामे में 'ईसा को “ मालिक-ए-सिदक़ के तौर पर” काहिन कहा गया है। 'ईसा लावियों की नस्ल से नहीं था बल्कि इस्राईल के काहिन थे । उसका काहिन होना ख़ुदा से था जैसा मालिक-ए-सिदक़ का था।
- कलाम में उसके इस बयान के तौर पर मालिक-ए-सिदक़ एक इन्सानी काहिन था जो ख़ुदा के ज़रिए' चुना गया था, ‘ईसा अमन और रास्तबाज़ी का हमेशा का बादशाह और हमारा 'आला सरदार काहिन।
(तर्जुमा की सलाह: नामों का तर्जुमा कैसे करें)
(यह भी देखें:इब्राहीम , हमेशा, सरदार काहिन, यरूशलीम, लावी, काहिन, मज़हबी)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H4442, G3198