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हव्वा

सच्चाई:

यह नाम सबसे पहली 'औरत का था। उसके नाम का मतलब है, “ज़िन्दगी” या “जी रहा” है।

  • ख़ुदा ने आदम के जिस्म से एक पसली निकाल कर हव्वा को बनाया था।
  • हव्वा को आदम की “मददगार” होने के लिए बनाया गया था। वह ख़ुदा के फ़राहम कामों में आदम के साथ काम करती थी।
  • इब्लीस ने शांप की शक्ल बना करके हव्वा को ललचाया था और ख़ुदावन्द के मना’ फल को खा के गुनाह करनेवाली इन्सानों में पहली थी।

(तर्जुमा की सलाह : नामों का तर्जुमा कैसे करें)

(यह भी देखें: आदम, ज़िन्दगी, इब्लीस)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

  • 01:13 तब ख़ुदावन्द ने आदम की पसलियों में से एक से 'औरत को बनाया और उसे आदम के पास लाए।
  • __02:02__लेकिन बाग़ में एक चालाक साँप था। उसने 'औरत से पूछा, “क्या ख़ुदा ने हक़ीक़त में यह कहा है कि बाग़ के किसी भी पेड़ से फल न खाना?”
  • 02:11 इन्सान ने अपनी बीवी का नाम हव्वा रखा, जिसका मतलब होता है दुनिया पैदा करने वाली क्योंकि वह हर इन्सान के क़ौम की माँ कहलाएगी।
  • 21:01 ख़ुदावन्द ने यह वा'दा किया कि हव्वा कि नस्ल में एक शख्स पैदा होगा जो साँप के सिर को कुचल डालेगा।
  • __48:02__इब्लीश ने हव्वा को धोखा देने के लिए बाग़ में साँप के ज़रिए से बात की।
  • 49:08 जब आदम और हव्वा ने गुमाह किया तो इसने उनकी सारी औलादों को मुता'स्सिर किया।
  • 50:16 क्यूँकि आदम और हव्वा ने ख़ुदावन्द के हुक्म का ना फ़रमानी की और इस दुनिया में गुनाह को लाए, इसलिये ख़ुदा ने इस पर ला'न्त की और इसे बर्बाद करने का फ़ैसला किया।

शब्दकोश:

  • Strong's: H2332, G2096