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ग़ज़ब, ग़ुस्सा
ता’अर्रुफ़:
क़हर एक मज़बूत ग़ज़ब नाक हालत है जो कभी-कभी ज़्यादा वक़्त में होता है। यह ख़ास करके ख़ुदा से बग़ावत करने वालों के गुनाह के लिए खुदा के इन्साफ़ पसन्द ‘अदालत और सज़ा के बारे में आता है।
- किताब-ए-मुक़द्दस में “क़हर ” लफ़्ज़ अक्सर ख़ुदा के ख़िलाफ़ गुनाह करनेवालों के ख़िलाफ़ ख़ुदा के ग़ज़ब का बयान देता है।
- “ख़ुदा का ग़ज़ब ” उसकी ‘अदालत और गुनाह की सज़ा का बयान देता है।
- ख़ुदा का क़हर गुनाह से न फिराने वाला के लिए रास्तबाज़ी की सज़ा है।
तर्जुमें की सलाह :
- तर्जुमे के मुताबिक़ , इस लफ़्ज़ के और तर्जुमे की शक्ल हो सकती है “ख़तरनाक ग़ुस्सा ” या “इन्साफ़ पसन्द’अदालत ” या “ग़ज़ब ”
- ख़ुदा के क़हर के बारे में चर्चा करते वक़्त तय करें कि इसका तर्जुमा गुनाह की वजह से पैदा ग़ज़ब का दौरा के मतलब में न हो। ख़ुदा का ग़ुस्सा इन्साफ़ के साथ और पाक होता है।
(यह भी देखें: इन्साफ़ , गुनाह )
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- 1 थिस्सलुनीकियों 01:8-10
- 1 तीमुथियुस 02:8-10
- लूका 03:7
- लूका 21:23-24
- मत्ती 03:7-9
- मुकाश्फ़ा 14:9-10
- रोमियो 01:18-19
- रोमियो 05:8-9
शब्दकोश:
- Strong's: H639, H2197, H2528, H2534, H2740, H3707, H3708, H5678, H7107, H7109, H7110, H7265, H7267, G2372, G3709, G3949, G3950