ur-deva_tw/bible/kt/transgression.md

3.1 KiB

तजावुज़ करना, ख़िलाफ़ वर्ज़ी, जुर्म

ता’अर्रुफ़:

लफ़्ज़ “तजावुज़ ” या’नी हुक्म , क़ानून या तहज़ीब का क़ानून तोड़ना। " ख़िलाफ़ वर्ज़ी " करने का मतलब है "जुर्म " करना।

  • तमसीली “जुर्म ” का बयान इस तरह भी किया जा सकता है “हद पार करना” या’नी “किसी इन्सान या आदमियों की अच्छाई की मुक़र्रर हद के पार जाना।”
  • “तजावुज़ ”, “गुनाह ”, “नारास्ती ” ये सब लफ़्ज़ ख़ुदा की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ काम करना और उसके हुक्मों की ख़िलाफ़ वर्ज़ी करने के बारे में है।

तर्जुमे की सलाह:

  • “तजावुज़ करना” का तर्जुमा , “गुनाह करना” या “नाफ़रमानी करने के लिए” या " ख़िलाफ़ वर्ज़ी करना" हो सकता है।
  • अगर किसी आयत में या तहरीर में दो अलग लफ़्ज़ों का इस्तेमाल किया गया है जिनका मतलब “गुनाह ”, “जुर्म ” या “नारास्त्त ” है तो यह ज़रूरी है कि अगर मुमकिन हो तो इन लफ़्ज़ों के तर्जुमे में अलग-अलग शक्लें काम में लें। किताब-ए-मुक़द्दस में अगर एक ही मतलब के लिखे हुए दो या ज़्यादा लफ़्ज़ों का का इस्तेमाल करती है तो उसका मक़सद है कि बात पर ज़ोर दिया जाए या उसकी अहमियत को ज़ाहिर किया जाए।

(देखें: मसावात )

(यह भी देखें: गुनाह , जुर्म करना, नारास्ती के काम)

किताब -ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H898, H4603, H4604, H6586, H6588, G458, G459, G3845, G3847, G3848, G3928