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9.3 KiB

पाक, पाकीज़गी

ता’अर्रुफ़:

“पाक” और पाकीज़गी” का हवाला ख़ुदा के किरदार से है जो पूरी तरह से अलग है और किसी भी गुनाहगार और बेकामिल बात से अलग किया हुआ है।

  • सिर्फ ख़ुदा पूरी तरह से पाक है। वह इंसानों और चीज़ों को पाक बनाता है।
  • एक इन्सान जो पाक है ख़ुदा में बसता है और ख़ुदा की ख़िदमत और जलाल के लिए अलग किया हुआ है।
  • जिस चीज़ को ख़ुदा ने पाक मुक़र्रर कर दिया, वह उसके जलाल और इस्ते’माल के लिए अलग कर दी गई है जैसे कि एक क़ुर्बानगाह जो उसके क़ुर्बानी पेश करने के मक़सद के लिए है।
  • लोग उसकी इजाज़त के बिना उसके क़रीब नहीं आ सकते क्योंकि वे पाक और सिर्फ़ इन्सान हैं, गुनाहगार और बेकामिल|
  • पुराने ‘अहदनामे में, ख़ुदा ने काहिनों को पाक करके अपनी ख़िदमत के लिए अलग कर लिया था। उन्हें ख़ुदा के क़रीब जाने के लिए दुनियावी तौर पर गुनाहों से पाक होना होता था।
  • ख़ुदा कुछ मक़ामों और चीज़ों को भी पाकीज़गी में अलग कर लेता है जो उसकी होती हैं या जिनमें उसने अपने आप को ज़ाहिर किया है जैसे हैकल|

लफ़्ज़ी तौर पर, “नापाक” का मतलब है “पाक नहीं” यह कोई इन्सान या कोई चीज़ के बारे में बताता है जो ख़ुदा की ‘इज़्ज़त नहीं करता|

  • इस लफ़्ज़ का इस्ते’माल उसके बारे में है जो ख़ुदा को उसके ख़िलाफ़ बग़ावत करने के ज़रिए’ उसे बे’इज़्ज़त करता है|
  • एक ख़याल जिसे “नापाक” कहते है जिसका ज़िक्र हो सकता है, ‘आम, नजिस नापाक| यह ख़ुदा में नहीं बसता है|

लफ़्ज़ “मुक़द्दस” उन चीज़ों के बारे में बताता है जो ख़ुदा की ‘इबादत या बुरे काहिनों की झूठे मा’बूदों की ‘इबादत से मुता’अल्लिक़ हैं|

  • पुराने ‘अहद नामे में, लफ़्ज़ “मुक़द्दस” कम से कम उन चीज़ों के बारे में बताता है जैसे, पत्थर का सुतून और दीगर चीज़ें जिनका इस्ते’माल झूठे म’बूदों की ‘इबादत करने में किया जाता है| इसका तर्जुमा “मज़हबी” भी किया जा सकता है|
  • “मुक़द्दस गीत” और “मुक़द्दस मोशीकी” उस मोशीकी के बारे में है जो ख़ुदा की ता’रीफ़ में गाए या बजाये जाते हैं| इसका तर्जुमा हो सकता है “यहोवा की ‘इबादत के लिए मोशिकी” या “गीत जो ख़ुदा की हम्द करते हैं”
  • जुमले “मुक़द्दस ज़िम्मेदारी”, “मज़हबी ज़िम्मेदारी” या “रस्म” उनके बारे में हैं, जो ‘इबादत करने वाले लोगों की रहनुमाई करते हैं| यह बुरे काहिनों के झूठे मा’बूदों की ‘इबादत करने के ज़रिए’ रस्मी कारकरदगी का मुज़ाहिरे के बारे में भी बताता है|

तर्जुमे की सलाह:

  • “पाक” के तर्जुमे के तरीक़े शामिल हो सकते हैं, “ख़ुदा के लिए अलग रखना” या “ख़ुदा में बसना” या “पूरी तरह से साफ़” या “बिल्कुल बेगुनाह” या “गुनाहगारों से अलग”

  • “पाक करना” इसका अक्सर अंग्रेजी में तर्जुमा होता है “Sanctify(पाक)” इसका तर्जुमा ऐसे भी किया जा सकता है “ख़ुदा के जलाल से अलग होना (किसी का)|

  • “नापाक” इसके तर्जुमे के तरीक़े हो सकते हैं “पाक नहीं” या “ख़ुदा में न बसना” या “ख़ुदा को ‘ईज़्ज़त न देना” या “ख़ुदा की तरफ़ से नहीं”

  • जुमले में “नापाक” का तर्जुमा किया जा सकता है “गन्दा”

(यह भी देखें: पाक रूह, रज़ामन्दी, पाक, अलग करना)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

  • 01:16 उस ने सातवें दिन को बरकत दी और उसे पाक बनाया क्योंकि इस दिन ख़ुदा ने अपने काम से आराम लिया था।
  • 09:12 “जिस मक़ाम पर तू खड़ा है वह पाक ज़मीन है।”
  • 13:01 ,”अगर तुम मेरी मानोगे, और मेरे ‘अहद का ‘अमल करोगे, तो सब लोगों में से तुम ही मेरी हमेशा की दौलत ठहरोगे, पूरी ज़मीन तो मेरी है, और तुम मेरी नज़र में काहिनों की बादशाही और पाक क़ौम ठहरोगे।”
  • 13:05 तू सबत के दिन को पाक मानने के लिये याद रखना।
  • 22:05“इसलिये वह पाक जो पैदा होनेवाला है, ख़ुदा का बेटा कहलाएगा।”
  • 50:02 जबकि हम ‘ईसा के वापस आने का इंतजार कर रहे हैं, तो ख़ुदा चाहता है कि हम ऐसी ज़िन्दगी जियें जो पाक हो और उसे ‘इज़्ज़त देता हो।

शब्दकोश:

  • Strong's: H430, H2455, H2623, H4676, H4720, H6918, H6922, H6942, H6944, H6948, G37, G38, G39, G40, G41, G42, G462, G1859, G2150, G2412, G2413, G2839, G3741, G3742