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3.2 KiB

कुफ़्र, कुफ़्र, ना हक़, किया कुफ़्र करना, कुफ़्र

ता'अर्रुफ़:

कलाम में “कुफ़्र” लफ्ज़ का ऐसे तरीक़े से बोलना है जो ख़ुदा या लोगों के बारे में ग़ज़बनाक गहरी बे'इज़्ज़ती ज़ाहिर करता है। “कुफ़्र” किसी का उस इन्सान के ख़िलाफ़ बोलना जो और लोगों के ख़याल से झूठा और बुरा हो |

  • ख़ुदावन्द की तौहीन करने का मतलब ज़्यादा तर यह होता था कि ख़ुदा के बारे में ग़लत बातें कह कर उसकी तौहीन करना या ख़ुदा की 'इज्ज़त को नुक्सान पहुंचाना या ऐसा ग़ैर अख्लाक़ी सुलूक करना जिससे ख़ुदावन्द की 'इज्ज़त गिरे।
  • आदमी ख़ुद को ख़ुदा कहे या अपने आप को भी ख़ुदा के बराबर एक ख़ुदा कहे तो वह कुफ़्र है।
  • कुछ अंग्रेजी ज़बान इसका तर्जुमा हो सकता है "बे'इज़्ज़ती" जब यह बे'इज्ज़त इन्सान के बारे में बताता है |

तर्जुमें की सलाह:

  • “कुफ़्र” का तर्जुमा किया जा सकता है, “किसी के ख़िलाफ़ बुरी बातें कहना” या “ख़ुदावन्द की तौहीन करना” या “बे'इज़्ज़त करना”
  • “बुराई ” के और तर्जुमा हो सकते हैं, “किसी के ख़िलाफ़ झूठी बातें कहना” या “बे'इज़्ज़त करना” या “झूठी अफवाह उड़ाना”।

(यह भी देखें: बे'इज़्ज़ती , बे'इज़्ज़ती )

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में :

शब्दकोश:

  • Strong's: H1288, H1442, H2778, H5006, H5007, H5344, G987, G988, G989