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गीबत, बदनामी, बदनाम, गीबत, कुफ़्र, बदनाम कुन
ता’अर्रुफ़:
गीबत मन्फ़ी पर मुस्तामिल हैं, किसी दूसरे शख़्स के बारे में बोली जाने वाली बातें ( लिखी नहीं) जो बदनाम करती हैं। किसी शख़्स के बारे में ऐसी बातें (लिखने के लिए नहीं) कहने के लिए उस शख़्स को बदनाम करना है । ऐसी बातें कहने वाला शख़्स एक गीबत करने वाला है।
- गीबत सच्ची बात नहीं होती है, यह झूठा इल्ज़ाम होता है लेकिन इससे सुननेवाला किसी शख़्स के बारे में ग़लत सोचता है।
- गीबत का तर्जुमा "के ख़िलाफ़ बोलना" या "बुराई फैलाने" या "बदनामी" की शक्ल में किया जा सकता है।
- बदनामी करने वाले को “मुख़बिर” या “अफ़वाह फैलाने वाला” भी कहते हैं।
(यह भी देखें: कुफ़्र )
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H1681, H1696, H1848, H3960, H5006, H5791, H7270, H7400, H8267, G987, G988, G1228, G1426, G2636, G2637, G3059, G3060, G6022