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ताबे' होना, ताबे' रहना, ताबे' हुआ, ताबे' रहना, ताबे'दार ,ताबे'दारी में
ता'अर्रुफ़:
“ताबे' होना” का 'आम मतलब है अपनी मर्ज़ी से किसी के या हुकूमत के ताबे' होना।
- कलाम में 'ईसा के ईमानदारों को कहा गया है कि वह अपनी ज़िन्दगी में ख़ुदा और दूसरे हाकिमों के ताबे रहो ।
- “एक दूसरे के ताबे' रहो” या'नी हलीमी से एक दूसरे को क़ुबूल करें और अपने जैसे दूसरों की ज़रूरतों पर ज़्यादा तवज्जह दें।
- “ताबे'दारी में रहो” या'नी ख़ुद को किसी के ताबे' रखो।
तर्जुमा की सलाह:
- “ताबे' रहो” का तर्जुमा “इख्तियार के नीचे हो जाओ” या “रहनुमाई की पैरवी करो” या “हलीमी से 'इज़्ज़त करो और बड़ाई करो”।
- “ताबे'दारी” का तर्जुमा “हुक्मों पर 'अमल” या “ इख्तियार को क़ुबूल करना” हो सकता है।
- “ताबे'दारी में रहो” का तर्जुमा “करो” फरमा बरदार या “किसी के मातहत रहो”।
- “ताबे'दारी में रहो” का तर्जुमा “हलीमी से इख्तियार को क़ुबूल करो”
(यह भी देखें: मज़मून )
किताब -ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H3584, H7511, G5226, G5293