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2.2 KiB

मज़मून , मौज़ू’, , ताबे’, मुस्तहकम , मौज़ू’ के ताबे’, मज़ामीन, ताबे’, मज़ामीन था, मज़ामीन किए गए थे, मज़ामीन में

सच्चाई:

एक शख़्स दूसरे शख़्स का "ताबे’" होता है, अगर दूसरा शख़्स पहली पर हुकूमत करता है। “ताबे' रहो” यह जुमला एक हुक्म है जिसका मतलब है, “हुक्म मानों” या “किसी के इता'अत के ताबे' रहो”

  • “के ताबे' करना” का मतलब है लोगों को किसी रहनुमा या हाकिम के इख्तियार के ताबे' करना।
  • “किसी को किसी बात के ताबे' करना” या'नी किसी को मन्फ़ी तौर पर तजुर्बा करवाना जैसे सज़ा के हुक्म के ताबे' करना।
  • कभी-कभी “ताबे'” लफ़्ज़ का मौज़ू' “वजह” या किसी बात का तवज्जह होना भी होता है जैसे “मज़ाक़ की वजह होगे”
  • “के ताबे'” का मतलब भी वही है जैसे “के ताबे' रहो” या “फ़रमाबरदारी ”

(यह भी देखें:ताबे')

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H1697, H3533, H3665, H4522, H5647, H5927, G350, G1379, G1396, G1777, G3663, G5292, G5293