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2.1 KiB

ग़ज़ब, ग़ुस्सा होना, ग़ज़बनाक होना, ग़ज़ब भड़काता

सच्चाई:

“ग़ुस्सा” ग़ज़ब है क़ाबू से बाहर है। जब किसी के ग़ज़ब का हवाला दिया जाए तो इसका मतलब है कि वह इन्सान ख़ौफ़नाक ग़ुस्सा में है।

  • ग़ुस्सा में मुब्तिला इन्सान जब क़ाबू खो बैठता है तो उसे ग़ज़ब कहते हैं।
  • ग़ुस्से के क़ाबू में इन्सान ख़तरनाक और और बातें करते हैं।
  • “ग़ज़ब” लफ़्ज़ ताक़तवर रद्द-ए-‘अमल जैसे आंधी का “ग़ज़ब” या समंदरी लहरों का “ग़ज़ब” का हवाला भी देता है।
  • जब “क़ौमों का ग़ज़ब” मतलब है कि बेदीन लोगों के ज़रिए’ ख़ुदा की नाफ़रमानी और उसके ख़िलाफ़ बग़ावत करना।
  • “ग़ुस्सा से भर जाना” का मतलब बहुत ज़्यादा ग़ुस्से का अहसास होना।

(यह भी देखें: ग़ुस्सा, ख़ुद पर-क़ाबू)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H398, H1348, H1984, H1993, H2121, H2195, H2196, H2197, H2534, H2734, H2740, H3491, H3820, H5590, H5678, H7264, H7265, H7266, H7267, H7283, H7857, G1693, G2830, G3710, G5433