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ता’अर्रुफ़:
“क़ैदख़ाना” वह जगह है जहाँ मुजरिमों को उनके जुर्म की सज़ा देने के लिए रखा जाता है। “क़ैदी ” वह आदमी है जो क़ैदख़ाना में रखा गया है।
- मुजरिम को ‘अदालत के वक़्त तक क़ैदख़ाना में रखा जाता है।
- “क़ैदी बनाया” या’नी “क़ैदख़ाना में रखा” या “गुलाम में रखा”।
- अनेक नबियों और ख़ुदा के ख़ादिमों बेगुनाह क़ैदख़ाने में डाले गए थे।
तर्जुमे की सलाह:
- “क़ैदख़ाना” का दूसरा लफ़्ज़“जेल खाना” है।
- इस लफ़्ज़ का तर्जुमा “कालकोठरी” भी किया जा सकता है, जब जेल खाना किसी मकान या राजमहल के तहख़ाने में हो।
- “क़ैदी ” का बयान उन लोगों से भी हो सकता है जिन्हें उनके दुश्मन क़ैदी बनाकर उनकी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ किसी जगह में रखते हैं। इसका तर्जुमा “ग़ुलाम ” भी किया जा सकता है।
- “क़ैदी बनाने” के तर्जुमें हो सकते हैं, “क़ैदी बनाकर रखना” या “ग़ुलामी में रखना” या “क़ैद कर लेना”
(यह भी देखें:ग़ुलामी)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- रसूलों के आमाल 25:4-5
- इफिसियों 04:1-3
- लूका 12:57-59
- लूका 22:33-34
- मरकुस 06:16-17
- मत्ती 05:25-26
- मत्ती 14:3-5
- मत्ती 25:34-36
शब्दकोश:
- Strong's: H612, H613, H615, H616, H631, H1004, H1540, H3608, H3628, H3947, H4115, H4307, H4455, H4525, H4929, H5470, H6115, H6495, H7617, H7622, H7628, G1198, G1199, G1200, G1201, G1202, G1210, G2252, G3612, G4788, G4869, G5084, G5438, G5439