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3.5 KiB

ज़ुल्म करना, ज़ुल्मों, मज़लूम, ज़ुल्म करना, ज़ुल्म, मज़लूम , ज़ालिम, ज़ुल्म करनेवालों

ता’अर्रुफ़:

लफ़्ज़ “ज़ुल्म करना” और “ज़ुल्म” उस इन्सान के बारे में है जो शख़्त सुलूक करता है| ज़ालिम “ज़ालिम” इन्सानों पर ज़ुल्म करता है।

  • लफ़्ज़ “ज़ुल्म” ख़ास करके उस हालत का हवाला देता है जिसमें बहुत ताक़तवर इन्सान अपने इख़्तियार के ताबे’ या अपनी बादशाही के लोगों के साथ बुरा सुलूक करते हैं या उन्हें ग़ुलाम बना लेते हैं।
  • लफ़्ज़ “मज़लूम” उन लोगों के बारे में बताता है जिनके साथ बुरा सुलूक किया जाता है।
  • अक्सर दुश्मन मुल्क और उनके हाकिम इस्राईल की क़ौम पर ज़ुल्म करते थे।

तर्जुमा की सलाह:

  • मज़मून पर मुनहस्सिर “ज़ुल्म” का तर्जुमा किया जा सकता है, “शख़्त सुलूक करना” या “भारी बोझ डालना” या “बदक़िस्मती की ग़ुलामी में रखना” या “बेरहम हुकूमत करना”।
  • “ज़ुल्म” के तर्जुमा के और भी तरीक़े हो सकते हैं, “बहुत ज़ुल्म और ग़ुलामी” या “भारी क़ाबू”
  • जुमले “मज़लूम लोग” का तर्जुमा हो सकता है, “मज़लूम इन्सान” या “भारी ग़ुलामी में इन्सान” या “बेरहमी का सुलूक सहनेवाले."
  • लफ़्ज़ “ज़ुल्म करने वाले” का तर्जुमा हो सकता है, “ज़ुल्मी इन्सान” या “शख़्त सुलूक या हुकूमत करनेवाला मुल्क” या “जालिम”

(यह भी देखें: बांधना, ग़ुलाम बनाना, सताना)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H1790, H1792, H2541, H2555, H3238, H3905, H3906, H4642, H4939, H5065, H6115, H6125, H6184, H6206, H6216, H6217, H6231, H6233, H6234, H6693, H7429, H7533, H7701, G2616, G2669