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ख़िदमत करना, ग़ुलाम बनाना, ग़ुलामी, पाबंदी में, या क़ाबू में, बन्धन, बाँधा
ता'अर्रुफ़:
किसी को "गुलाम" करने का मतलब है कि उस शख्स को मालिक या हाकिम मुल्क की ख़िदमत करने के लिए मजबूर करना है। “ग़ुलाम बनाया जाना” या “पाबंदी में होना” या’नी किसी बात को या किसी शख्स के क़ाबू में होना।
- एक शख्स जो ग़ुलाम या ग़ुलामी में है, उसे अदाइगी के बिना दूसरों की ख़िदमत करनी चाहिए; वह जो भी चाहता है वह करने के लिए आज़ादी नहीं है।
- * "गुलाम" के लिए भी एक शख्स की आज़ादी को दूर करने का मतलब है।
* "ग़ुलामी" के लिए एक और लफ्ज़ "ग़ुलामी" है।
- 'अलामती शक्ल में इंसान गुनाहों के “ग़ुलामी” में है। जब तक कि 'ईसा उन्हें उसके क़ाबू और ताक़त से आज़ाद न कराए।
- जब कोई शख्स मसीह में नई जिंदगी पाकर वह गुनाह का ग़ुलाम नहीं रहता है, वह रास्तबाज़ी का ग़ुलाम हो जाता है।
तर्जुमा की सलाह:
- “ग़ुलाम बनाने” का तर्जुमा “आज़ाद नहीं रहने देना” या “दोसरों की ख़िदमत करने के लिए मजबूर किया जाना” या “दोसरे किसी के क़ब्ज़े में कर देना”।
- जुमले में “ग़ुलामी में” का तर्जुमा “ग़ुलाम होने के लिए मजबूर किया जाना” या “ख़िदमत करने के लिए मजबूर” या “किसी के क़ब्ज़े में होना”।
(यह भी देखें: आज़ाद, रास्तबाज़ लोग, ख़ादिम)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H3533, H5647, G1398, G1402, G2615