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ऊँचे मक़ाम पर, आसमान में

ता’अर्रुफ़:

लफ़्ज़ “ऊँचे मक़ाम पर” या “आसमान में” इज़हार हैं जिसका अक्सर का मतलब होता है “जन्नत में”

  • इज़हार का दुसरा मतलब “आसमान में” का मतलब “सबसे इज़्ज़त वाला” भी हो सकता है।
  • इस इज़हार का इस्ते’माल ‘अलामती तौर पर भी होता है जैसे “सबसे ऊंचे पेड़ में”।
  • इज़हार “ऊंचे पर” का हवाला आसमान में ऊंचाई पर भी हो सकता है जैसे परिन्दे का घोंसला जो ऊंचाई पर है। इस मज़मून में इसका तर्जुमा हो सकता है, “आसमान में ऊँचा” या “ऊँचे पेड़ की चोटी पर”।
  • “ऊंचा” लफ़्ज़ उठा हुआ मक़ाम या इन्सान या चीज़ की अहमियत ज़ाहिर करता है|
  • इज़हार “ऊपर से” का तर्जुमा “आसमान से” हो सकता है।

(यह भी देखें: आसमान, ‘इज़्ज़त)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H1361, H4605, H4791, H7682, G1722, G5308, G5310, G5311