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हलीम, हलीमी
ता’अर्रुफ़:
“हलीम” लफ़्ज़ उस शख़्स को बताता है जो मूतमइन, नर्म, और ना इंसाफ़ी का सहनेवाला है। हलीमी ख़ाकसारी की क़ूव्वत है जब सख्ती और ताक़त का इस्ते'माल किया जाए।
- हलीमी हमेशा ख़ाकसारी के साथ जुड़ी रहती है।
- इस लफ़्ज़ का तर्जुमा “शरीफ़” या “मीठी” या “नर्म अन्दाज़ी” किया जा सकता है।
- “हलीमी” का तर्जुमा “शराफ़त” या “ख़ाकसारी” किया जा सकता है।
(यह भी देखें: ख़ाकसार)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- 1 पतरस 03:15-17
- 2 कुरिन्थियों 10:1-2
- 2 तीमुथियुस 02:24-26
- मत्ती 05:5-8
- मत्ती 11:28-30
- ज़बूर 037:11-13
शब्दकोश:
- Strong's: H6035, H6037, H6038, G4235, G4236, G4239, G4240