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‘आलिम, नजूमी
ता’अर्रुफ़:
मत्ती की ख़ुशख़बरी में मसीह की पैदाइश की तफ़सील में, “’आलिम” या "पढ़े-लिखे" इन्सान थे, जो ‘ईसा की पैदाइश के कुछ वक़्त बा’द, उसके लिए हदिया लेकर बैतलहम आए थे। * वे मुमकिन मुस्तक़बिल बतानेवालें थे जो सितारों का मुताला’ करते थे।
- वे इस्राईल के पूरब में एक दूर के मुल्क से आये थे। वे कौन थे और कहां से आये थे नामा’लूम है। लेकिन वे ज़ाहिरी तौर से ‘आलिम थे जिन्होंने सितारों का मुताला’ किया था।
- मुमकिन है कि वे दानिएल के ज़माने में बाबुल के बादशाहों के ‘आलिमों की नसल से थे जो कई मज़मूनों में ‘इल्म रखते थे जैसे सितारों का ‘इल्म और ख़्वाबों का मतलब बताना।
- तहज़ीब के मुताबिक़ तीन ‘आलिम आए थे क्योंकि उन्होंने ‘ईसा को तीन हदिए पेश किए थे। लेकिन किताब-ए-मुक़द्दस में उनका शुमार ज़ाहिर नहीं है।
(यह भी देखें: बाबुल, बैतलहम, दानिएल)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H1505, G3097