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गोबर, खाद
ता’अर्रुफ़:
“गोबर” इन्सान और जानवरों की नजिस होती है जिसे पाख़ाना कहते हैं। जब इसका इस्ते’माल ज़मीन की पैदावार बढ़ाने के लिए किया जाता है तो इसे खाद कहते हैं।
- इन अलफ़ाज़ को ‘अलामती शक्ल में किसी निकम्मी या बे-अहमियत चीज़ के लिए काम में लिया गया है।
- जानवरों का सूखा हुआ गोबर ईंधन के लिए काम में लिया जाता था।
- “ज़मीन के ऊपर खाद के समान पड़ी रहेंगी” का तर्जुमा हो सकता है, “निकम्मे गोबर की तरह ज़मीन पर फैलाय गए।”
- “कूड़ा फाटक” यरूशलीम की दख्खिनी दीवार में था जो यक़ीनन शहर का कूड़ा बाहर ले जाने के लिए काम में आता था।
(यह भी देखें: फ़ाटक)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H830, H1119, H1557, H1561, H1686, H1828, H6569, H6675, G906, G4657