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पीने का नज़राना
ता’अर्रुफ़ :
मय ख़ुदा के लिए क़ुर्बानी या जिसमें क़ुर्बानगाह पर मय उण्डेला जाती थी| यह अक्सर एक साथ, आतिशी क़ुर्बानी और अनाज की कुर्बानी के साथ पेश किया जाता था।
- पौलुस अपनी ज़िन्दगी को मय की तरह उण्डेले जा रहा है। इसका मतलब था कि वह ख़ुदा की ख़िदमत में पूरी तरह सुपुर्द था कि इन्सानों में ख़ुशख़बरी सुनाए चाहे वह तकलीफ़ उठाए या चाहे मार डाला जाए।
- सलीब पर ‘ईसा की मौत फ़ौरी तौर पीने का नज़राना था जैसा कि हमारे गुनाहों की वजह से उसका ख़ून बहाया गया था।
तर्जुमे की सलाह:
- इसका तर्जुमा हो सकता है “मय का नज़राना”
- जब पौलुस कहता है कि वह नज़राने की तरह उण्डेला जा रहा है तब इसका तर्जुमा हो सकता है, “मैं इन्सानों में ख़ुदा की ख़ुशख़बरी सुनाने के लिए पूरी तरह हाज़िर हूं जैसे मय को क़ुर्बानगाह पर नज़्र करके पेश किया जाता है”।
(यह भी देखें: आतिशी नज़राना, अनाज का नज़राना)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H5257, H5261, H5262