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3.4 KiB

अलहदा, अलहदगी, दूरियाँ

ता’रीफ़:

अलफ़ाज़ “अलहदा” और “अलहदगी” उस जगह का हवाला देते हैं जो ऐसा बरबाद हो जाए कि वह तबाह हो जाए।

  • जब किसी इन्सान के बारे में बयान करते हैं, तब लफ़्ज़ “अलहदा” को बर्बादी, तन्हाई, और ग़म की सूरत में इस्ते’माल होते हैं|
  • लफ़्ज़ “अलहदगी” अलहदा होने की हालत के बारे में है|
  • अगर एक खेत, जिसकी फ़सल बर्बाद हो जाए, इसका मतलब है कि किसी चीज़ ने फ़सल बर्बाद की है, जैसे कीड़ों या हमलावर फ़ौज ने|
  • “अलहदा मुल्क” ये किसी ऐसी जगह के बारे में है जहाँ कुछ लोग ही रहते हैं क्यूँकि वहाँ फ़सलें या दीगर क़िस्म के पौदे बहुत कम उगते हैं ।
  • “अलहदा जगह” या “जंगल” वह जगहें थीं जहां अवाम से निकाले हुए लोग (कोढ़ी) और जंगली जानवर रहते थे।
  • अगर एक शहर “अलहदा” हो गया, इसका मतलब है कि इसकी ‘इमारतें और माल सब बर्बाद हो गया या चोरी हो गया, और उसके लोग मार दिए गए या पकड़े गए| वह शहर, “ख़ाली” और “बर्बाद” हो गया। इसका मतलब “अलहदा करना” या “वीरान” एक जैसा ही है लेकिन ख़ाली होना ख़ास जगह पर ज़ोर दिया गया है।
  • मज़मून पर मुनहस्सिर, इस लफ़्ज़ का तर्जुमा “बर्बाद” या “तबाह” या “वीरान करना” या ”बर्बाद” “अकेला और निकाला हुआ” या “सुनसान” हो सकता है।

(यह भी देखें: वीरान, तबाह, बर्बाद)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H490, H816, H820, H910, H1327, H1565, H2717, H2720, H2721, H2723, H3173, H3341, H3456, H3582, H4875, H4876, H4923, H5352, H5800, H7582, H7612, H7701, H7722, H8047, H8074, H8076, H8077, G2048, G2049, G2050, G3443