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दिन, दिनों
ता'र्रुफ़:
“दिन” हक़ीक़त में 24 घन्टे का वक़्त होता है जिसकी शुरू'आत ग़ुरूब आफ़ताब से होती थी | इसका इस्ते'माल 'अलामती तौर भी हो सकता है।
- इस्राईलियों और यहूदियों के लिए दिन की शुरू'आत गुरूब आफ़ताब से होती थी और दूसरे दिन ग़ुरूब आफ़ताब पर ख़त्म होती थी |
- कभी-कभी “दिन” लफ्ज़ का इस्ते'माल शक्ल बा बशक्ल एक लम्बे वक़्त के लिए भी किया जाता था जैसे “यहोवा का दिन” या “आख़री दिन|”
कुछ ज़बानों में इन तरह के तर्जुमों में मुख्तलिफ़-मुख्तलिफ़ लफ़्ज़ों का इस्ते'माल होता हैं या “दिन” का तर्जुमा शक्ल बा शक्ल नहीं करता हैं।
- “दिन” के और तर्जु में शामिल हो सकते हैं, “वक़्त ”, “मौसम ” या “मौक़ा' ” का “घटना” जुमले के मुताबिक़।
(यह भी देखें: सज़ा के दिन, आख़िरी दिन)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H3117, H3118, H6242, G2250