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यूसुफ़ (नया ‘अहद नामा)
सच्चाई:
यूसुफ़ 'ईसा का दुनियावी बाप था जिसने उसे पाल-पोस कर बड़ा किया। वह एक मज़हबी आदमी था जिसका पेशा लकड़ी का काम था।
- यूसुफ़ की मंगनी एक यहूदी 'औरत मरियम के साथ हुई थी जिसे ख़ुदा ने 'ईसा मसीह की माँ होने के लिए चुन लिया था।
- फ़रिश्ते ने यूसुफ़ से कहा कि पाक रूह ने मो'जिज़े के ज़रिए' मरियम को हाम्ला किया है और मरियम का यह बेटा ख़ुदा का बेटा है।
- 'ईसा की पैदाइश के बा'द एक फ़रिश्ते ने यूसुफ़ को बताया कि वह लड़का और मरियम को लेकर मिस्र मुल्क से चला जाए क्यूँकि हेरोदेस से बचने के लिए।
- यूसुफ़ अपने ख़ानदान के साथ गलील 'इलाक़े के नासरत शहर में रहता था और लकड़ी का काम करके ज़िन्दगी गुज़ारता था।
(तर्जुमा की सलाह नामों का तर्जुमा कैसे करें)
(यह भी देखें: मसीह, गलील, 'ईसा, नासरत, ख़ुदा का बेटा, कुंवारी)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- यूहन्ना 01:43-45
- लूक़ा 01:26-29
- लूक़ा 02:4-5
- लूक़ा 02:15-16
- मत्ती 01:18-19
- मत्ती 01:24-25
- मत्ती 02:19-21
- मत्ती 13:54-56
किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसालें:
- 22:04 वह एक कुँवारी थी जिसकी मंगनी यूसुफ़ नाम के आदमी के साथ हुई थी।
- 23:01 मरियम की मंगनी एक यूसुफ़ नाम के एक मजहबी आदमी से हुई। जब यूसुफ़ को यह पता चला कि मरियम हाम्ला है, और जो उसके जिस्म में है वह उसका लड़का नहीं है, लिहाज़ा यूसुफ़ ने जो मज़हबी था और उसको बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से छोड़ देने का इरादा किया।
- 23:02 फ़रिश्ते ने उससे कहा, “हे यूसुफ़ ! तू अपनी बीवी मरियम को यहाँ ले आने से मत डर, क्यूँकि जो बच्चा उसके शिकम में है, वह रूह-उल-क़ुदुस की तरफ़ से है। वह बेटा पैदा करेगी और तू उसका नाम 'ईसा रखना (जिसका मतलब है, 'यहोवा बचाता है' )क्यूँकि वह अपने लोगों को उनके गुनाहों से नजात करेगा।”
- 23:03 यूसुफ़ ने मरियम से शादी की और अपनी बीवी को अपने यहाँ ले आया, और जब तक वह बेटा न पैदा हुआ तब तक वह उसके पास न गया।
- 23:04 लिहाज़ा यूसुफ़ और मरियम भी एक लम्बा सफ़र तय करके नासरत को गए, क्यूँकि यूसुफ़ दाऊद के घराने और नसल का था, गलील के नासरत शहर से यहूदिया में दाऊद के शहर बैतलहम को गया।
- 26:04 'ईसा ने उनसे कहा, “ आज ही यह लेख तुम्हारे सामने पूरा हुआ है” | सभी लोग हैरान थे। और कहने लगे कि “ क्या यह यूसुफ़ का बेटा नहीं है?”
शब्दकोश:
- Strong's: G2501