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कफ़्फ़ारह
ता’अर्रुफ़:
“कफ़्फ़ारह” यह एक ऐसी क़ुर्बानी है जो ख़ुदा के इन्साफ़ को मुतमईन करने और उसके ग़ुस्से को रफ़ा’करने के लिए होती है।
- ‘ईसा मसीह के लहू का क़ुर्बानी इन्सानी क़ौमों के गुनाहों के लिए ख़ुदा का कफ़्फ़ारह है।
- सलीब पर ‘ईसा की मौत ने गुनाह के ख़िलाफ़ ख़ुदा के ग़ज़ब को रफ़ा’ कर दिया है। इसके ज़रिए’ख़ुदा इन्सान पर महरबानी की नज़र कर पाता है और उन्हें हमेशा की ज़िन्दगी देता है।
तरजुमे की सलाह:
- इस लफ़्ज़ का तरजुमा “तमानत” या “ख़ुदा से गुनाह मु’आफ़ करवाना और इन्सानों को मिन्नत ‘अता करना” हो सकता है।
- “कफ़्फ़ारह” लफ़्ज़ मतलब में “मिन्नत” के नज़दीक है। इन दोनों लफ़्ज़ के इस्तेमाल की बराबरी करना ज़रूरी है।
(यहभीदेखें: क़फ्फारा, हमेशा, मु’आफ़ करना, क़ुर्बानी
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: G2434, G2435