ur-deva_tw/bible/kt/intercede.md

2.6 KiB

दु'आ किया, मदाख़लत की, शफ़ा'अत

ता’अर्रुफ़:

“ दु'आ किया” या “शफ़ा'अत” का मतलब है किसी के लिए किसी से मिन्नत करना। कलाम में यह लफ़्ज़ दूसरों के लिए दु'आ करने के लिए काम में लिया गया है।

  • “के लिए शफ़ा'अत करना” और “शफ़ा'अत” का मतलब है लोगों के लिए ख़ुदा से दु'आ करना।
  • कलाम में लिखा है कि पाक रूह हमारे लिए मिन्नत करता है, या'नी वह हमारे लिए ख़ुदा से दु'आ करता है।
  • इन्सान किसी हाकिम से किसी तर्जुमा के लिए मिन्नत करके शफ़ा'अत करता है।

तर्जुमा के लिए सलाह:

  • “ शफ़ा'अत के दूसरे तर्जुमा की शक्ल में , “दु'आ करना”, या (किसी से) “गुज़ारिश करना” (किसी और के लिए) कुछ करने के लिए हो सकते हैं।
  • लफ़्ज़ "और मिन्नत" का तर्जुमा "इल्तिजा" या "दरख्वास्त" या "फ़ौरन दु'आ" की शक्ल में किया जा सकता है।
  • जुमलों "के लिए शफ़ा'अत" के तर्जुमा "के लिए गुज़ारिश करने के लिए" या "की तरफ़ से दरख्वास्त करें" या "ख़ुदा से मदद मांगे" या "(किसी के लिए) ख़ुदा से मिन्नत करना" के शक्ल में किया जा सकता है।

(यह भी देखें: दु'आ करना)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H6293, G1783, G1793, G5241