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4.4 KiB

‘आलम-ए-अर्वाह, अथाह गड्ढा

ता’अर्रुफ़:

“‘आलम-ए-अर्वाह” और “अथाह-गड्ढा” किताब-ए-मुक़द्दस में मौत के बारे में काम में लिए गए हैं और उस जगह को ज़ाहिर हैं जहां मरने के बा’द इन्सानों की रूहें जाती हैं। इनके मतलब एक से ही हैं।

  • पुराने ‘अहदनामे में “अथाह गड्ढे” का इब्रानी लफ़्ज़ (शिओल) अमूमन मौत की जगह को ज़ाहिर है
  • नये ‘अहदनामे में यूनानी लफ़्ज़ “‘आलम-ए-अर्वाह” (अथाह-गड्ढा) ख़ुदा के बाग़ियों की रूहों की जगह है। इन रूहों के लिए कहा गया है कि वे अथाह-गढ्ढे में डाली जायेंगी। यह कभी-कभी “आसमान पर उठाना” के मुख़्तलिफ़ ख़याल ज़ाहिर करने के लिए है जहां ‘ईसा के ईमानदारों की रूहें हैं।
  • मुकाशिफ़े की किताब में अथाह-गड्ढे के साथ मौत लफ़्ज़ जुड़ा है। आख़िरी वक़्त में मौत और ‘आलम-ए-अर्वाह दोनों आग की झील में डाले जायेंगे।

तर्जुमे की सलाह

पुराने ‘अहदनामे के लफ़्ज़ “अथाह गड्ढा” (‘आलम-ए-अर्वाह) का तर्जुमों “मुर्दों की जगह” या “मुर्दा रूहों की जगह” कुछ तर्जुमों में इसे “कुण्ड” या “मौत” कहा गया है-मज़मून पर मुनह्स्सिर।

  • नये ‘अहदनामे का लफ़्ज़ “’आलम-ए-अर्वाह” का तर्जुमा भी “बे-ईमान मुर्दा रूहों की जगह” या “ईमानदार मुर्दा इन्सानों की रूहों की जगह”।
  • कुछ तर्जुमों में “अथाह गड्ढा” और “‘आलम-ए-अर्वाह” का उसी ज़बान के तलफ़्फ़ुज़ में ज्यों का त्यों रखा गया है। (देखें: अनजान अलफ़ाज़ का तर्जुमा कैसे करें)
  • एक जुमले को यह भी समझाने के लिए हर एक लफ़्ज़ में जोड़ा जा सकता है, ऐसा करने के मिसाल के तौर पर, "‘आलम-ए-अर्वाह, जगह जहाँ मरे हुए लोग हैं" और "अथाह-गड्ढा, मौत की जगह "।

(तर्जुमे की सलाह: अनजान अलफ़ाज़ का तर्जुमा कैसे करें

(यह भी देखें: मौत, आसमान, ‘आलम-ए-अर्वाह, कब्र)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H7585, G86