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पाक रूह से भर गए
ता’अर्रुफ़ :
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लफ़्ज़ “रूह से भर गए” एक ‘अलामती जुमला है जिसका मतलब है कि पाक रूह को ताक़त देता है कि ख़ुदावन्द की मर्ज़ी पूरी करे।
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इज़हार “भर जाना” एक जुमला है जिसका मतलब हमेशा “क़ाबू होना” होता है।
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इन्सान “पाक-रूह” से भर जाते हैं, जब वह पाक-रूह की रहनुमाई में रहते हैं और ख़ुदावन्द की मर्ज़ी पूरी करने के लिए उस पर मुकम्मल तौर पर मुनहस्सिर करते हैं।
तर्जुमें की सलाह:
- इस का तर्जुमा “पाक-रूह की ताक़त में” या “पाक-रूह के क़ब्ज़े में” हो सकता है। लेकिन इसका मतलब ऐसा न ज़ाहिर हो कि पाक-रूह मजबूर कर रहा है।
- “वह पाक-रूह से भर गया” का तर्जुमा “वह मुकम्मल तौर पर पाक-रूह की ताक़त में जी रहा था” या “वह पाक-रूह की मुकम्मल रहनुमाई में था” या “पाक-रूह उसकी रहनुमाई कर रहा था”।
- यह जुमला“रूह की ज़िन्दगी” के मुताबिक़ है लेकिन “रूह से भर गया” मुकम्मल तौर पर ज़ोर देता है कि जिसकी तरफ़ से इन्सान पाक-रूह को अपनी ज़िन्दगी का क़ाबू और असर सौंप देता है। लिहाज़ा मुम्किन हो तो इन दोनों का तर्जुमा अलग-अलग किया जाए।
(यह भी देखें:पाक रूह )
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- रसूलों के ‘आमाल 04:29-31
- रसूलों के ‘आमाल 05:17-18
- रसूलों के ‘आमाल 06:8-9
- लूक़ा 01:14-15
- लूक़ा 01:39-41
- लूक़ा 04:1-2
शब्दकोश:
- Strong's: G40, G4130, G4137, G4151