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# दुष्ट और बड़े पराक्रमी का क्या होगा?
वह निज भूमि में पल्लवित होते हुए हरे वृक्ष के समान बढ़ता है परन्तु वह ऐसा हो जाएगा जैसा कभी था ही नहीं।