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Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote
2JN front intro vpa9 0 # 2 यूहन्ना का परिचय <br><br>## भाग 1: सामान्य परिचय<br><br>### 2 यूहन्ना की पुस्तक की रूपरेखा <br><br>1. अभिवादन (1:1-3)<br>1. प्रोत्साहन और सबसे बड़ी आज्ञा (1: 4-6) <br> 1. झूठे शिक्षकों के बारे में चेतावनी (1: 7-11) <br> 1. साथी विश्वासियों से नमस्कार (1: 12-13) <br><br>### 2 यूहन्ना की पुस्तक किसने लिखी? <br><br> यह पत्र लेखक का नाम नहीं देता है। लेखक ही स्वयं की पहचान एक ""प्राचीन"" के रूप में कराता है। शायद इस पत्र को प्रेरित यूहन्ना ने अपने जीवन के अन्त में लिखा था। 2 यूहन्ना की विषयवस्तु यूहन्ना के सुसमाचार की विषयवस्तु के जैसे है। <br><br>### 2 यूहन्ना की पुस्तक में क्या है? <br><br> यूहन्ना ने इस पत्र को ""चुनी हुई महिला"" और ""उसके बच्चों"" के नाम से सम्बोधित करते हुए लिखा है (1: 1). यह एक विशेष मित्र और उसके बच्चों को सन्दर्भित कर सकता है। या यह विश्वासियों के एक विशेष समूह या सामान्य रूप से विश्वासियों को सन्दर्भित कर सकता है। इस पत्र को लिखने के प्रति यूहन्ना का उद्देश्य झूठे शिक्षकों के बारे में उसके पाठकों को चेतावनी देना था। यूहन्ना नहीं चाहता था कि विश्वासी झूठे शिक्षकों की सहायता धन देने के द्वारा करें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) <br><br>### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए? <br><br> अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक, ""2 यूहन्ना"" या ""द्वितीय यूहन्ना"" के नाम को चुनने के द्वारा पुकार सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक को चुन सकते हैं, जैसे ""यूहन्ना की दूसरी पत्री"" या ""यूहन्ना द्वारा लिखा हुआ दूसरा पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]]) <br><br>## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएँ <br><br>### आतिथि सत्कार क्या होता है? <br><br> प्राचीन निकट पूर्व में आतिथि सत्कार एक महत्वपूर्ण धारणा के रूप में थी। परदेशियों या बाहरी लोगों के प्रति मित्रता से भरे हुए व्यवहार का होना और यदि उन्हें इसकी आवश्यकता होती तो उन्हें सहायता प्रदान करना महत्वपूर्ण था। यूहन्ना चाहता था कि विश्वासी जन अतिथियों का सत्कार करें। यद्यपि, वह नहीं चाहता था कि विश्वासी जन झूठे शिक्षकों का अतिथि सत्कार करें। <br><br>### यूहन्ना ने किन लोगों के विरूद्ध बात की थी? <br><br> जिन लोगों के विरूद्ध यूहन्ना ने बात की थी वे सम्भवतः ज्ञानवादियों के नाम से पहचाने जाने वाले थे। इन लोगों का मानना था कि भौतिक संसार बुरा था। चूंकि उनका मानना था कि यीशु ईश्वर था, उन्होंने इनकार कर दिया कि वह वास्तव में मानवीय था। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्होंने सोचा कि भौतिक शरीर बुरा है इसलिए परमेश्वर मनुष्य नहीं बन सकता। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/evil]])
2JN 1 1 ma4c figs-you 0 General Information: परम्परा इस पत्र के लेखक की पहचान प्रेरित यूहन्ना के रूप में करती है। यद्यपि सम्भवतः यह एक व्यक्तिगत् महिला को सम्बोधित किया गयाहै, क्योंकि वह लिखता है कि उन्हें ""एक दूसरे से प्रेम करना चाहिए"", यह शायद एक कलीसिया के लिए है। इस पत्र में पाए जाने वाले ""तुम"" और ""तेरे"" के सभी सन्दर्भ बहुवचन हैं जब तक कि उन पर अन्यथा ध्यान न दिया जाए। इस पत्र में, यूहन्ना ने स्वयं और उसके पाठकों को ""हम"" और ""हमारे"" शब्द का उपयोग करके सम्मिलित किया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]] )
2JN 1 1 z4tk figs-explicit ὁ πρεσβύτερος; ἐκλεκτῇ κυρίᾳ καὶ τοῖς τέκνοις αὐτῆς 1 From the elder to the chosen lady and her children इस तरह से पत्र आरम्भि किए गए थे। लेखक का नाम स्पष्ट किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मुझ प्राचीन की ओर से उस चुनी हुई महिला और उसके बच्चों के नाम"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])
2JN 1 1 z9f1 ὁ πρεσβύτερος 1 the elder यह यीशु के प्रेरित और शिष्य यूहन्ना, को सन्दर्भित करता है। वह स्वयं को बुढ़ापे के कारण या क्योंकि वह कलीसिया में एक अगुवा है इसलिए एक ""प्राचीन"" के रूप में सन्दर्भित करता है।
2JN 1 1 y7hw figs-metaphor ἐκλεκτῇ κυρίᾳ καὶ τοῖς τέκνοις αὐτῆς 1 to the chosen lady and her children यह शायद एक मण्डली और उसके विश्वासियों को सन्दर्भित करता है जो इससे सम्बन्धित है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] )
2JN 1 3 vpl9 guidelines-sonofgodprinciples Πατρός…Υἱοῦ 1 Father ... Son ये महत्वपूर्ण पदवियाँ हैं जो परमेश्वर और यीशु के बीच सम्बन्धों का वर्णन करते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/guidelines-sonofgodprinciples]] )
2JN 1 3 w6tr figs-hendiadys ἐν ἀληθείᾳ καὶ ἀγάπῃ 1 in truth and love शब्द ""सत्य"" शब्द ""प्रेम"" का वर्णन करता है। सम्भवतः इसका अर्थ ""सच्चे प्रेम में"" से है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hendiadys]] )
2JN 1 4 ir6v figs-you τῶν τέκνων σου 1 your children शब्द ""तेरे"" एक वचनीय है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]] )
2JN 1 4 s7hr καθὼς ἐντολὴν ἐλάβομεν παρὰ τοῦ Πατρός 1 just as we have received this commandment from the Father ठीक वैसे ही जैसे परमेश्वर पिता ने हमें आज्ञा दी थी
2JN 1 5 c9xi figs-you σε, κυρία…γράφων σοι 1 you, lady ... writing to you श्ब्द ""तुझ"" के सन्दर्भ एकवचनीय हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]] )
2JN 1 5 u38f οὐχ ὡς ἐντολὴν καινὴν γράφων σοι 1 not as though I were writing to you a new commandment ऐसा नहीं है कि मैं तुझे कुछ नया करने की आज्ञा दे रहा था
2JN 1 5 uhs8 figs-explicit ἀλλὰ ἣν εἴχαμεν ἀπ’ ἀρχῆς 1 but one that we have had from the beginning यहाँ, ""आरम्भ"" का अर्थ है ""जब हम सबसे पहले विश्वास किया था"" से है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परन्तु मैं तुम्हें लिख रहा हूँ कि मसीह ने हमें क्या करने की आज्ञा दी थी जब हमने पहली बार विश्वास किया था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]] )
2JN 1 5 vmm8 ἀρχῆς, ἵνα ἀγαπῶμεν ἀλλήλους 1 beginning—that we should love one another यह एक नए वाक्य के रूप में अनुवाद किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""आरम्भ। उसने आज्ञा दी थी कि हमें एक दूसरे से प्रेम करना चाहिए।
2JN 1 6 nw4g figs-metaphor αὕτη ἡ ἐντολή ἐστιν, καθὼς ἠκούσατε ἀπ’ ἀρχῆς, ἵνα ἐν αὐτῇ περιπατῆτε 1 This is the commandment, just as you heard from the beginning, that you should walk in it परमेश्वर की आज्ञाओं के अनुसार अपने जीवन के संचालन को इस तरह से कहा जाएगा कि मानो हम उनके अनुसार ही चल रहे हैं। शब्द ""यह"" प्रेम को सन्दर्भित करता है। ""और क्योंकि तुमने पहले विश्वास किया, उसने तुम्हें आज्ञा दी है, कि एक दूसरे से प्रेम करो"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
2JN 1 7 u3vi 0 Connecting Statement: यूहन्ना उन्हें भरमानेवालों की सावधान रहने की चेतावनी देता है, उन्हें मसीह की शिक्षा में बने रहने की याद दिलाता है, और उन्हें उन लोगों से दूर रहने की चेतावनी देता है जो मसीह के शिक्षा में बने नहीं रहते हैं।
2JN 1 7 w25m ὅτι πολλοὶ πλάνοι ἐξῆλθαν εἰς τὸν κόσμον 1 For many deceivers have gone out into the world क्योंकि कई झूठे शिक्षकों ने मण्डली को छोड़ दिया है या ""क्योंकि बहुत से ऐसे भरमानेवाले जगत में निकल आए है
2JN 1 7 f9e2 πολλοὶ πλάνοι 1 many deceivers कई झूठे शिक्षकों या ""कई ढोंगी
2JN 1 7 x8yl figs-metonymy Ἰησοῦν Χριστὸν ἐρχόμενον ἐν σαρκί 1 Jesus Christ came in the flesh शरीर में आना वास्तविक व्यक्ति होने के लिए एक उपनाम है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यीशु मसीह एक वास्तविक मनुष्य के रूप में आया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]] )
2JN 1 7 wbp6 οὗτός ἐστιν ὁ πλάνος καὶ ὁ ἀντίχριστος 1 This is the deceiver and the antichrist ये वे हैं जो दूसरों को भरमा देते हैं और स्वयं मसीह का विरोध करते हैं
2JN 1 8 it9t βλέπετε ἑαυτούς 1 Look to yourselves उन से सतर्क रहें या उन पर ""ध्यान दें
2JN 1 8 b91r ἀπολέσητε ἃ 1 lose the things स्वर्ग में मिलने वाले अपने भविष्य के प्रतिफल को गवाँ देना
2JN 1 8 eu46 μισθὸν πλήρη 1 full reward स्वर्ग में मिलने वाला पूरा प्रतिफल
2JN 1 9 mn3v πᾶς ὁ προάγων 1 Whoever goes on ahead यह एक ऐसे व्यक्ति को सन्दर्भित करता है जो किसी की भी तुलना में परमेश्वर और सत्य के बारे में अधिक जानने का दावा करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जो कोई परमेश्वर के बारे में अधिक जानने का दावा करता है"" या ""जो कोई सत्य की अवहेलना करता है
2JN 1 9 xty9 Θεὸν οὐκ ἔχει 1 does not have God परमेश्वर से सम्बन्धित नहीं है
2JN 1 9 x523 ὁ μένων ἐν τῇ διδαχῇ, οὗτος καὶ τὸν Πατέρα καὶ τὸν Υἱὸν ἔχει 1 The one who remains in the teaching, this one has both the Father and the Son जो कोई मसीह की शिक्षा के पीछे चलता है वह पिता और पुत्र दोनों से सम्बन्धित है।
2JN 1 9 k8cv guidelines-sonofgodprinciples τὸν Πατέρα καὶ τὸν Υἱὸν 1 the Father and the Son ये महत्वपूर्ण पदवियाँ हैं जो परमेश्वर और यीशु के बीच सम्बन्धों का वर्णन करते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/guidelines-sonofgodprinciples]] )
2JN 1 10 ls1c λαμβάνετε αὐτὸν εἰς οἰκίαν 1 receive him into your house यहां पर इसका अर्थ उसका स्वागत करने से और उसके साथ सम्बन्ध बनाने के लिए उसके साथ सम्मान भरा व्यवहार करने से है।
2JN 1 11 n7zt κοινωνεῖ τοῖς ἔργοις αὐτοῦ τοῖς πονηροῖς 1 participates in his evil deeds उसके बुरे कामों में साझी होता या ""उसके अपने बुरे कामों को करने में मदद करता है
2JN 1 12 nx77 figs-you 0 General Information: वचन 12 में दिया हुआ शब्द ""तुम्हें"" एकवचनीय है। वचन 13 में दिया हुआ शब्द ""तेरी"" बहुवचनीय है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]] )
2JN 1 12 y4gw 0 Connecting Statement: यूहन्ना का पत्र उनसे मिलने की इच्छा और दूसरी कलीसियाओं की ओर से शुभकामनाओं को दिए जाने के साथ समाप्त होता है।
2JN 1 12 gq26 οὐκ ἐβουλήθην διὰ χάρτου καὶ μέλανος 1 I did not wish to write them with paper and ink यूहन्ना इन अन्य बातों को लिखना नहीं चाहता है परन्तु उनसे मिलकर उन्हें शब्दों में कहना चाहता है। वह यह नहीं कह रहा है कि वह उन्हें कागज और स्याही के अतिरिक्त और कुछ लिखेगा।
2JN 1 12 v4v2 figs-idiom στόμα πρὸς στόμα λαλῆσαι 1 speak face to face आमने सामने यहाँ पर एक मुहावरा है, जिसका अर्थ है उनकी मौजूदगी में बोलने से है। वैकल्पिक अनुवाद: ""आपकी उपस्थिति में बोलना"" या ""व्यक्तिगत् रूप से आपसे बात करना"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]] )
2JN 1 13 fh6j figs-metaphor τὰ τέκνα τῆς ἀδελφῆς σου τῆς ἐκλεκτῆς 1 The children of your chosen sister यहाँ पर यूहन्ना इस दूसरी कलीसिया की बात करता है जो मानो कि पाठकों की कलीसिया और विश्वासियों के लिए एक साथी कलीसिया थी जो कि उसी कलीसिया की हिस्सा हैं जैसे कि वे उस कलीसिया की सन्तान थे। यह इस बात पर जोर देता है कि सभी विश्वासी जन एक आत्मिक परिवार हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] )